देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (MSIL) ने एक नया इतिहास रच दिया है। कंपनी ने पहली बार भारतीय रेलवे के जरिए जम्मू-कश्मीर तक अपनी गाड़ियां पहुंचाई हैं। शुक्रवार को कंपनी ने अपने एक्स अकाउंट पर इसकी जानकारी दी।
पहली खेप में 100 से ज्यादा गाड़ियां मानेसर प्लांट से अनंतनाग टर्मिनल तक पहुंचीं। यह सफर 850 किलोमीटर से ज्यादा का था, जिसमें गाड़ियां दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज चिनाब नदी पुल को पार करके कश्मीर पहुंचीं।
मारुति सुजुकी ने इस कदम को ग्रीन लॉजिस्टिक्स की दिशा में एक बड़ी शुरुआत बताया है। कंपनी ने अपने मानेसर प्लांट के रेलवे साइडिंग से यह खेप भेजी। पहली खेप में कंपनी की सबसे ज्यादा बिकने वाली गाड़ियां शामिल थीं, जैसे ब्रेजा, डिजायर, वैगनआर और एस-प्रेसो। यह रेल लिंक उदयपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिसे इस साल शुरू किया गया था। इस प्रोजेक्ट का मकसद जम्मू-कश्मीर में कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक्स को बेहतर करना है।
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मारुति सुजुकी के MD और CEO हिसाशी ताकेउची ने इस प्रोजेक्ट के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि यह कदम कश्मीर में कनेक्टिविटी को और मजबूत करेगा। वहीं, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए गेम चेंजर बताया। उन्होंने कहा कि इस रेल लिंक से पहले कश्मीर के सेब देश के बाकी हिस्सों में पहुंच रहे थे, और अब मारुति की गाड़ियां भी इस रास्ते से कश्मीर पहुंचेंगी।
सितंबर में मारुति सुजुकी ने कुल 1,89,665 गाड़ियां बेचीं। इसमें 1,35,711 गाड़ियां घरेलू बाजार में, 11,750 गाड़ियां अन्य कंपनियों को दी गईं, और 42,204 गाड़ियां निर्यात की गईं। कंपनी ने सितंबर में अपने अब तक के सबसे ज्यादा मासिक निर्यात का रिकॉर्ड भी बनाया। इसके अलावा, हाल ही में GST में कमी से ग्राहकों का उत्साह बढ़ा है। नवरात्रि के पहले आठ दिनों में ही कंपनी ने 1,65,000 गाड़ियों की रिकॉर्ड डिलीवरी की। मारुति सुजुकी का यह कदम न सिर्फ पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि जम्मू-कश्मीर जैसे दूरदराज के इलाकों में कारों की पहुंच को भी आसान बनाएगा।