डॉ. लाल पैथलैब्स का जून तिमाही का प्रदर्शन कोविड-19 महामारी से बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है और इसका असर वॉल्यूम व राजस्व पर पड़ा। अप्रैल में वॉल्यूम में 62 फीसदी की गिरावट के बाद मरीजों की जांच में धीरे-धीरे तेजी आई और यह गिरावट मई में 25 फीसदी तक सीमित रह गई। जून में कंपनी ने 3 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की।
तिमाही के आखिर में बढ़त उसके नेटवर्क में और सेंटर के खुलने, असंगठित क्षेत्र से बाजार हिस्सेदारी का फायदा आदि के चलते दर्ज हुई। कंपनी ने कहा कि जुलाई में गैर-कोविड जांच सामान्य स्तर के 90 फीसदी पर रही, हालांकि पूरी रिकवरी दिसंबर तिमाही में होने की उम्मीद है।
तिमाही में वॉल्यूम में 29 फीसदी की गिरावट राजस्व में सालाना आधार पर 21 फीसदी की कमी के लिए जिम्मेदार रही। कोविड जांच में तेजी के चलते उसे मिलने वाली रकम में 11 फीसदी का सुधार आया। कोविड जांच को छोड़ दें तो राजस्व में 37 फीसदी की भारी-भरकम गिरावट आई।
राजस्व पर चोट से परिचालन के प्रदर्शन पर खासा असर पड़ा और कंपनी का परिचालन लाभ एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 49 फीसदी फिसल गया। मार्जिन 10 फीसदी घटकर 18.2 फीसदी रह गया।
पिछले साल की सितंबर तिमाही से मार्जिन घट रहा है जब वह 30 फीसदी पर पहुंच गया था। विश्लेषक हालांकि कंपनी के भविष्य को लेकर सकारात्मक हैं क्योंंकि उसका ध्यान अब एनसीआर क्षेत्र से बाहर हुआ है, जो अब उसके राजस्व में 39 फीसदी का योगदान करता है।
जोखिम कम करने की रणनीति रफ्तार पकड़ सकती है अगर खास तौर से दक्षिण व पश्चिमी इलाकों में अधिग्रहण के जरिए विस्तार होता है। एडलवाइस सिक्योरिटीज का मानना है कि असंगठित से संगठित डायग्नोस्टिक्स की तरफ बढऩा ढांचागत तौर पर अनुकूल होगा, हालांकि एनसीआर से अलग दूसरे इलाकों पर ध्यान से अल्पावधि में मार्जिन पर चोट पहुंच सकती है। उम्मीद से बेहतर नतीजे के बावजूद जुलाई के उच्च स्तर से शेयर चार फीसदी नीचे है।
नोमूरा के विश्लेषकों का मानना है कि परिचालन दक्षता, बैलेंस शीट और डायग्नोस्टिक बाजार में एकीकरण के फायदे पर कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड उसके शेयर भाव पर पर्याप्त रूप से प्रतिबिंबित हुआ है। मार्च के निचले स्तर से यह शेयर 42 फीसदी ऊपर है और अभी वित्त वर्ष 2022 के आय अनुमान के 50 गुने से ऊपर कारोबार कर रहा है।
