कई स्टार्टअप यूनिकॉर्न बनने के लिए तैयार

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 8:01 AM IST

वेंचर कैपिटल फर्म आयरन पिलर के पार्टनर मोहनजित जॉली ने कोविड वैश्विक महामारी के दौरान अपना अच्छा खासा वजन कम कर लिया क्योंकि वह हर दिन अमेरिका के सिलिकॉन वैली में लगभग 20,000 कदम (10 मील) चलते हैं। उन्होंने घर पर खाना बनाना शुरू कर दिया जिससे उन्हें अपना वजन घटाने में काफी मदद मिली। वैश्विक महामारी से पहले जॉली को अपने काम के दौरान एक होटल से दूसरे होटल में ठहरना पड़ता था और अक्सर यात्रा करनी पड़ती थी।
जॉली भारतीय स्टार्टअप परिवेश में हो रहे बदलाव पर भी करीबी नजर रख रहे हैं। जॉली ने 2007 में अपनी पहली भारत यात्रा के दौरान कहा था कि उन्हें इस बात से अचरज होता है कि उद्यमी 1 अरब डॉलर की कंपनी बनाने जैसी बड़ी सोच नहीं रखते हैं। उसके बाद से काफी कुछ बदल गया। पालो ऑल्टो में रहने वाले जॉली ने कहा, ‘मैं बुनियादी तौर पर इस बात में यकीन करता हूं कि सफलता ही सफलता की जननी है।’ उन्होंने कहा, ‘जब आप बैजूस, ओला एवं ओयो जैसी कंपनियों के परिणामों पर उपभोक्ता के नजरिये से और फ्रेशवक्र्स एवं ध्रुव पर भारतीय उद्यमियों के नजरिये से गौर करेंगे तो कहेंगे कि मैं भी उसे कर सकता हूं। लोगों के नजरिये में व्यापक तौर पर यही बदलाव हुआ है।’ लोगों के नजरिये में हुए बदलाव और विश्वस्तरीय उत्पाद एवं सेवाओं को तैयार करने के लिए प्रौद्योगिकी तक सभी की पहुंच सुनिश्चित होने से बेंगलूरु और चेन्नई ही नहीं बल्कि भुवनेश्वर और चंडीगढ़ जैसे छोटे शहरों में भी शीर्ष वेंचर कैपिटल एवं निजी इक्विटी फर्मों का विश्वास बढ़ा है। इसलिए वे इस साल देश में कई बड़े दांव लगाने के लिए तैयार हैं।
जॉली ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि 2025 तक भारत में 150 से अधिक यूनिकॉर्न होंगे जिनकी संख्या फिलहाल 59 है।’ उन्होंने कहा कि इस प्रकार के यूनिकॉर्न वैश्विक कंपनियों को भारत से उत्पाद तैयार करने में मदद कर रही हैं। इनमें नो-कोड इंटेलिजेंट ऑटोमेशन फर्म अशर, ई-कॉमर्स कंपनी फ्रेशटुहोम और कृत्रिम बुद्धिमत्ता फर्म यूनिपोर शामिल हैं। वेंचर कैपिटल और उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा मुख्य तौर पर ई-कॉमर्स, एडुटेक, फिनटेक और फूडटेक जैसे क्षेत्रों में दिखेगा।

आईटी में 90 फीसदी लोगों का घर से काम
आईटी उद्योग की दिग्गज हस्ती अजीम प्रेमजी ने रविवार को कहा कि देश के प्रौद्योगिकी उद्योग में 90 फीसदी से अधिक लोग अभी भी घर से काम कर रहे हैं और उन्होंने कामकाज के इस मिलेजुले मॉडल की सराहना की। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा, कोविड-19 के चलते लागू लॉकडाउन के पहले कुछ हफ्तों में प्रौद्योगिकी उद्योग के 90 फीसदी लोग घर से काम करने लगे थे और आज भी 90 फीसदी से अधिक लोग घर से काम कर रहे हैं। प्रेमजी ने बैंगलोर चैंबर ऑफ इंडस्ट्री ऐंड कॉमर्स द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि सरकार और आईटी उद्योग ने स्थायी रूप से एक मिश्रित मॉडल के फायदों को स्वीकार किया है। भाषा

First Published : February 21, 2021 | 11:36 PM IST