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Mahindra & Mahindra के ट्रैक्टरों का जलवा अब दुनिया देखेगी, अमेरिका सहित इन देशों के खेतों में दौड़ेंगे कंपनी के ट्रैक्टर

अमेरिकी ट्रैक्टर बाजार पिछली 12 से 13 तिमाहियों से गिरावट की चपेट में है। नतीजतन, बाजार का आकार दो साल पहले की तुलना में लगभग 50 से 60 प्रतिशत रह गया है।

Last Updated- February 09, 2025 | 10:19 PM IST

देश में 44.2 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी रखने वाली प्रमुख ट्रैक्टर कंपनी महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमऐंडएम) की अमेरिका और जापान पर नजर है। कंपनी वहां अपनी बिक्री में सुधारना चाह रही है। उसे वहां बढ़त के हालात अनुकूल दिख रहे हैं। दोनों देशों का उद्योग अरसे से कठिन परि​स्थितियों का सामना कर रहा है। 

कंपनी ने कहा कि अमेरिकी ट्रैक्टर बाजार पिछली 12 से 13 तिमाहियों से गिरावट की चपेट में है। नतीजतन, बाजार का आकार दो साल पहले की तुलना में लगभग 50 से 60 प्रतिशत रह गया है। कंपनी ने कहा, ‘इस श्रेणी में खासी गिरावट आई है। हमें इस श्रेणी में जनवरी से कुछ तेजी दिखने लगी है, क्योंकि अब राजनीतिक माहौल (राष्ट्रपति चुनाव के बाद) स्पष्ट हो गया है।’

एमऐंडएम 100 हॉर्सपावर (एचपी) से कम वाली श्रेणी में काम करती है। साल 2022 की यूएसडीए कृषि जनगणना में बताया गया था कि 50 से 500 एकड़ वाले खेतों में साल 2017 के स्तर की तुलना में 7 प्रतिशत तक की गिरावट आई। 40 से 100 एचपी वाले ट्रैक्टरों की बिक्री में भी खासी गिरावट आई। ऐतिहासिक रूप में देखें तो सभी खेतों में से 7.2 प्रतिशत में 40 से 100 एचपी वाली श्रेणी के ट्रैक्टर खरीदे गए। साल 2024 में इस श्रेणी में करीब 58,653 ट्रैक्टर बेचे जाने का अनुमान है।

एमऐंडएम के कार्यकारी निदेशक और मुख्य कार्या​धिकारी (वाहन और कृ​षि क्षेत्र) राजेश जेजुरिकर ने कहा कि प्रतीक्षा और समीक्षा कर रहे हैं क्योंकि फेड की ब्याज दरों का असर सामने आना बाकी है। उन्होंने कहा, ‘पिछले पूरे साल अनिश्चितता बनी रही थी कि ब्याज दरों का क्या होगा। यह श्रेणी वहां ब्याज दरों के प्रति काफी संवेदनशील है और चूंकि पिछले कुछेक साल के दौरान अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ गई थीं और ऐसी उम्मीदें थीं कि वे नीचे आने लगेंगी, इसलिए हमें यह समझने की जरूरत है कि वे किस रफ्तार से नीचे आती हैं। निश्चित रूप से ये नीचे आएंगी।’ उन्होंने कहा कि कंपनी की अमेरिका में दमदार मौजूदगी है और वह 21 से 40 एचपी की श्रेणी में ओजा उतारने की तैयारी में है जो अलग-अलग तरह के कृषि कार्यों के लिए अनुकूल है।

उन्होंने कहा, ‘हम वहां अपना मार्केटिंग अभियान अभी शुरू कर ही रहे हैं। जनवरी से मार्च की अव​धि वहां बड़ा सीजन नहीं होती है, क्योंकि इस दौरान सर्दी होती है और यह देश के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में ट्रैक्टर बेचने का समय नहीं है।’ उन्होंने कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में सीजन में तेजी आएगी। जेजुरिकर ने कहा कि जापान में एक श्रेणी के रूप में ट्रैक्टर में लंबे अरसे से गिरावट चल रही है। जापान में किसानों की औसत आयु 65 साल से ज्यादा है। इसलिए जापान को श्रमिकों की समस्या का सामना करना पड़ रहा है और हमें इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि बढ़ती उम्र सभी श्रेणियों को प्रभावित कर रही है।

एमऐंडएम तीन प्रमुख श्रे​णियों – ट्रैक्टर, चावल रोपण और फसल की कटाई में मौजूद है। उन्होंने स्वीकार किया, ‘हम बाजार हिस्सेदारी में जापान में चौथे स्थान पर हैं। बाजार हिस्सेदारी स्थिर बनी हुई है, लेकिन हमारे सामने उद्योग में गिरावट की चुनौती है।’ अनुमान है कि जापान में ट्रैक्टर उद्योग का आकार सालाना एक से डेढ़ लाख ट्रैक्टरों का रहेगा।

First Published - February 9, 2025 | 10:19 PM IST

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