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चाकण के अलावा कहीं और नया प्लांट नहीं लगा रही महिंद्रा, EV आर्किटेक्चर के लिए अन्य इकाई की योजना से किया इनकार

महिंद्रा एंड महिंद्रा की नजर साल 2030 तक अपने पोर्टफोलियो में 30 प्रतिशत ईवी की मौजूदगी पर है और वह इनग्लो ईवी प्लेटफॉर्म के तहत पांच ईवी की शुरुआत करेगी।

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सोहिनी दास   
Last Updated- September 22, 2024 | 9:57 PM IST

एसयूवी श्रेणी की बाजार हिस्सेदारी में 21.6 प्रतिशत राजस्व हासिल करने वाली एसयूवी विनिर्माता महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमऐंडएम) चाकण में अपने आगामी इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) और ईवी बैटरी विनिर्माण संयंत्र की राह पर बढ़ रही है और उसने अपने नए ईवी आर्किटेक्चर के लिए अन्य इकाई की योजना से इनकार किया है।

केरल के उद्योग मंत्री पी राजीव ने पिछले महीने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया था कि एमऐंडएम के अधिकारी जल्द ही उनसे मुलाकात करने वाले हैं। राज्य विनिर्माण इकाइयों के लिए ईवी कंपनियों के साथ बातचीत कर रहा है। इससे पहले अगस्त में रॉयटर्स की खबर में बताया गया था कि एमऐंडएम और चीन की शांक्सी ने गुजरात में कार विनिर्माण संयंत्र बनाने के लिए तीन अरब डॉलर का संयुक्त उद्यम बनाने पर सहमति जताई है, जिसे केंद्र सरकार से मंजूरी मिलनी बाकी है। अलबत्ता बाद में एमऐंडएम ने स्पष्ट किया था कि यह खबर निराधार है।

हाल की खबरों में यह भी दावा किया गया है कि कंपनी महाराष्ट्र में शिरुर, अहमदनगर, चाकण आदि के पास एक और नए संयंत्र के लिए जमीन तलाश रही है, जो मल्टी-एनर्जी प्लेटफॉर्म – न्यू फ्लेक्सिबल आर्किटेक्चर (एनएफए) पर वाहन बनाएगा।

महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के कार्यकारी निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी (वाहन एवं कृषि क्षेत्र) राजेश जेजुरिकर ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘बैटरी संयंत्र और हमारे बोर्न ईवी (ऐसे वाहन जो शुरू से ही ईवी के रूप में बनाए जाते हैं) के लिए महाराष्ट्र के चाकण में हमारी ईवी इकाई आ रही है। इस इकाई के अलावा किसी नई ईवी इकाई की योजना नहीं है।’

एमऐंडएम की नजर साल 2030 तक अपने पोर्टफोलियो में 30 प्रतिशत ईवी की मौजूदगी पर है और वह इनग्लो ईवी प्लेटफॉर्म के तहत पांच ईवी की शुरुआत करेगी।

पिछले जनवरी में उसे महाराष्ट्र सरकार से चाकण में 10,000 करोड़ रुपये का ईवी संयंत्र लगाने की मंजूरी मिली थी और वह यह निवेश अगले सात से आठ साल में करेगी। साल 2029 तक चाकण इकाई में प्रति वर्ष 2,00,000 वाहनों का उत्पादन होगा। एमऐंडएम साल 2030 तक प्रति वर्ष 10 लाख वाहन बनाने की कुल क्षमता हासिल करने की योजना बना रही है। फिलहाल उसकी क्षमता प्रति वर्ष 8,00,000 वाहन है।

कंपनी ने कहा है कि वह अपनी एसयूवी उत्पादन क्षमता को प्रति माह 49,000 (वित्त वर्ष 24 के अंत में) से बढ़ाकर वित्त वर्ष 25 के अंत तक प्रति माह 64,000 करने की दिशा में आगे बढ़ रही है, जिसे वित्त वर्ष 2026 के अंत तक और बढ़ाकर प्रति माह 72,000 वाहन कर दिया जाएगा। इसलिए वित्त वर्ष 26 के अंत तक कुल क्षमता 8,64,000 वाहन हो जाएगी।

इनग्लो वाहन पोर्टफोलियो को इस अतिरिक्त क्षमता की जरूरत होगी। विश्लेषकों का मानना है कि एमऐंडएम को एनएफए प्लेटफॉर्म के लिए ज्यादा क्षमता की जरूरत होगी। एक विश्लेषक ने कहा चाकण में कंपनी प्रति वर्ष 2,00,000 वाहनों पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि पूरी तरह से ईवी श्रेणी के तहत पहला उत्पाद साल 2025 तक बाजार में आ जाएगा।

First Published : September 22, 2024 | 9:56 PM IST