सरकारी कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने शुक्रवार को बताया कि उसने कभी भी अपनी पॉलिसियों के लिए सॉवरिन गांरटी का इस्तेमाल नहीं किया और न कभी मार्केटिंग के साधन के रूप में इसका इस्तेमाल किया है। भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी ने बताया कि यह अन्य 24 निजी कंपनियों के साथ पूरी तरह प्रतिस्पर्धी बाजार में अपने कारोबार का संचालन करती है। दरअसल, अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि भारत के बीमा क्षेत्र में सबको बराबरी का मौका नहीं है और सरकारी कंपनियों को सॉवरिन गांरटी का फायदा मिलता है। एलआईसी ने इस आरोप का खारिज करते हुए वक्तव्य जारी किया।
एलआईसी का संचालन भारत के बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण और भारतीय प्रतिभूति व विनिमय बोर्ड (सेबी) के दिशानिर्देशों के तहत होता है। एलआईसी ने कहा कि उसे कोई विशेषाधिकार नहीं मिला हुआ है। एलआईसी ने वक्तव्य में कहा, ‘एलआईसी से भारत सरकार और नियामक अन्य बीमा कंपनियों की तरह ही व्यवहार करते हैं। गारंटी – जो इसकी स्थापना के समय 1956 में प्रदान की गई – राष्ट्रीयकरण के शुरुआती वर्षों में लोगों का भरोसा हासिल करने का वैधानिक प्रावधान है। इसका कभी इस्तेमाल नहीं किया गया या इसका इस्तेमाल कभी भी मार्केटिंग के साधन के रूप में या एलआईसी को बेजा लाभ देने के लिए नहीं हुआ।’
कंपनी ने कहा, ‘एलआईसी का बीमा क्षेत्र में नेतृत्व पूरी तरह से उसके पॉलिसीधारकों के विश्वास पर है। कंपनी सर्वश्रेष्ठ सेवाओं, अपनी वित्तीय मजबूती और पारदर्शिता के लिए प्रतिबद्ध है। एलआईसी अपने 69 साल से ज्यादा की परंपरा के बूते भारत के 30 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों को प्रतिबद्ध और व्यावसायिक तरीके से सेवाएं मुहैया करवा रही है।’
यूएसटीआर ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सरकारी बीमा कंपनियों पर निजी कंपनियों की तरह कानून और ‘विवेकपूर्ण पर्यवेक्षण’ लागू नहीं होता है और उन्हें विभिन्न सरकारी गारंटी का फायदा मिलता है। रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार एलआईसी की हरेक पॉलिसी पर सॉवरिन गारंटी देती है। इसका परिणाम यह है कि कई ग्राहक निजी बीमा कंपनियों की जगह एलआईसी की पॉलिसियों को खरीदने के विकल्प को चुनते हैं। इससे एलआईसी को अनुचित प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिलता है।
इस पर एलआईसी ने कहा कि यूएसटीआर का नजरिया भारत के बीमा विनियमन और एलआईसी की अधूरी समझ पर आधारित है। उसने कहा, ‘हम भारत में वित्तीय समावेशन और पॉलिसीधारकों की सुरक्षा में एलआईसी की भूमिका और योगदान की अधिक संतुलित और तथ्यपरक सराहना का आग्रह करते हैं।’