facebookmetapixel
Market Outlook: नए साल से पहले बाजार की चाल तय करेंगे मैक्रो आंकड़े और वैश्विक संकेतBonus Stocks: 2025 की विदाई और 2026 की शुरुआत में निवेशकों को तोहफा, दो कंपनियां बाटेंगी बोनसStock Split: अगले हफ्ते दो कंपनियां अपने शेयरों का करेंगी बंटवारा, रिकॉर्ड-डेट पर सबकी नजरयूके एफटीए से अमेरिका टैरिफ विवाद तक: 2025 में भारत की ट्रेड पॉलिसी की तस्वीरMCap: सात बड़ी कंपनियों का मार्केट कैप डूबा, SBI सबसे बड़ा नुकसान उठाने वालीIncome Tax Refund: टैक्सपेयर्स ध्यान दें! ITR में छूटी जानकारी या गलत दावा? अब सही करने का आखिरी अवसरZepto IPO: SEBI में गोपनीय ड्राफ्ट फाइल, ₹11,000 करोड़ जुटाने की तैयारीFake rabies vaccine row: IIL का बयान- रैबीज वैक्सीन से डरने की जरूरत नहीं, फर्जी बैच हटाया गयाDelhi Weather Update: स्मॉग की चादर में लिपटी दिल्ली, सांस लेना हुआ मुश्किल; कई इलाकों में AQI 400 के पारअरावली की रक्षा पर सुप्रीम कोर्ट का एक्शन, 29 दिसंबर को सुनवाई

एलआईसी के प्रीमियम में सुधार

Last Updated- December 15, 2022 | 7:59 AM IST

देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को जून में नए कारोबारी प्रीमियम में वृद्धि की उम्मीद है। कोविड-19 महामारी ने देश के इस सबसे बड़े संस्थागत निवेशक पर भी चोट की है, जिससे मार्च, अप्रैल और मई में इसका कारोबार प्रभावित हो गया। हालांकि अब एलआईसी को मार्च, अप्रैल और मई में नए प्रीमियम कारोबार में इजाफा होने की उम्मीद है। हालांकि कंपनी के लिए नई पॉलिसियों की बिक्री में सुस्ती अब भी चिंता का विषय है।
कोविड-19 के प्रसार और उसके बाद मार्च के उत्तराद्र्ध में लॉकडाउन लागू होने से मार्च में एलआईसी के नए कारोबारी प्रीमियम में सालाना आधार पर 31 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई। अमूमन मार्च जीवन बीमा कंपनियों के लिए कारोबार के लिहाज से सबसे उम्दा माना जाता है क्योंकि लोग अक्सर कर बचत के लिए अधिक से अधिक पॉलिसियां खरीदते हैं। अप्रैल में एलआईसी का नया कारोबारी प्रीमियम साल दर साल आधार पर 32 प्रतिशत कम हो गया। वहीं मई में भी यह साल दर साल आधार पर 24 प्रतिशत तक फिसल गया। वित्त वर्ष 2021 के पहले दो महीनों में जीवन बीमा कंपनियों के नए कारोबारी प्रीयियम में सलााना आधार पर 30 प्रतिशत गिरावट आई है।
किसी खास वर्ष में जीवन बीमा कंपनियां नई पॉलिसियों से जितना प्रीमियम हासिल करती हैं, उसे नया कारोबारी प्रीमियम कहा जाता है। एलआईसी के प्रबंध निदेशक राज कुमार ने आगे की कारोबारी संभावनाओं पर कहा, ‘अप्रैल में नया कारोबार फिसलने के बाद मई से इसमें तेजी आनी शुरू हो गई है। जून में पहले वर्ष की प्रीमियम आय में 30 प्रतिशत से अधिक वृद्धि दिख रही है। हालांकि पॉलिसियों की बिक्री पिछले वर्ष के मुकाबले ना के बराबर है।’ उन्होंने कहा कि जून के अंत तक एलआईसी पहले वर्ष के प्रीमियम की दर शून्य से नीचे खिसकने (ऋणात्मक) से बाहर आ जाएगी। राज कुमार ने कहा कि  एक बार इससे बाहर आने पर पॉलिसियों की बिक्री बढ़ाने पर जोर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जून के अंत तक पहले वर्ष के प्रीमियम में सलाना आधार पर तेजी आने की उम्मीद है।
एलआईसी परंपरागत रूप से अपने कारोबार के लिए अपने अभिकर्ताओं (एजेंट) पर निर्भर रही है। मई 2020 तक कंपनी के एजेंटों की संख्या 12.2 करोड़ थी। लॉकडाउन के बाद लोगों की आवाजाही थम गई थी, इसलिए कारोबार प्रभावित होने के साथ ही नए ग्राहकों तक पहुंचना भी एजेंटों के लिए संभव नहीं रह गया। इसके साथ ही ग्राहकों को सेवाएं देने में भी बाधा पहुंची। जिन ग्राहकों की 5 लाख रुपये तक की पॉलिसी मार्च 2020 में परिपक्व हो रही थी और जिन लोगों के एनईएफटी से जुड़ी जानकारी एलआईसी के पास पास थी, उनके दावे बिना डिस्चार्ज फॉर्म या पॉलिसी बॉन्ड के निपटा दिए गए। दावों के निपटान की प्रक्रिया आसान बनाने के लिए एलआईसी ने इलेक्ट्रॉनिक मेल के जरिये दावा परिपत्रों की स्कैन की हुई प्रति स्वीकार कर ली।

First Published - June 26, 2020 | 11:22 PM IST

संबंधित पोस्ट