वी के कर्ज को शेयर में बदलेंगे ऋणदाता!

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 2:06 AM IST

वोडाफोन आइडिया (वी) के ऋणदाता अपने कर्ज को शेयर में बदलने की योजना पर विचार कर रहे हैं, जिससे मौजूदा शेयरधारकों- वोडाफोन पीएलसी और आदित्य बिड़ला समूह की हिस्सेदारी इस कंपनी में काफी कम हो जाएगी।
बैंकिंग सूत्रों के मुताबिक कर्ज को इक्विटी में बदलने की योजना पर विचार किया जा रहा है और दोनों प्रवर्तक अपनी हिस्सेदारी कम करने पर राजी हो गए हैं। वी में ब्रिटेन की वोडाफोन पीएलसी की 45 फीसदी और आदित्य बिड़ला समूह की 27 फीसदी हिस्सेदारी है। बाकी हिस्सा संस्थागत या खुदरा शेयरधारकों के पास है। मामले से जुड़े एक सूत्र ने कहा, ‘सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है और कोई नहीं चाहता कि यह कंपनी दिवालिया हो या खत्म हो जाए।’ वी पर 25,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। इसमें भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का 11,000 करोड़ रुपये, येस बैंक का 4,000 करोड़ रुपये और आईडीएफसी फस्र्ट बैंक का 3,240 करोड़ रुपये का कर्ज है। पंजाब नैशनल बैंक ने भी इसे 3,000 करोड़ रुपये का कर्ज दिया है। कई बैंक वी से होने वाले घाटे के लिए सिंतबर तिमाही में प्रावधान करने की तैयारी में हैं। सरकारी बकाये समेत कंपनी की कुल देनदारी 1.8 लाख करोड़ रुपये है।
बैंक अधिकारी ने कहा कि दोनों में से किसी प्रवर्तक कंपनी की अभी कोई प्रवर्तक अथवा कॉरपोरेट गारंटी नहीं है। वोडाफोन पीएलसी ने वोडाफोन इंडिया में 30 अरब डॉलर का निवेश किया है और पूरा निवेश बट्टे खाते में डाल दिया है। वोडाफोन पीएलसी मई, 2007 में हचीसन की हिस्सेदारी 11 अरब डॉलर में खरीदकर भारत आई थी। इसने बाद में रुइया परिवार की हिस्सेदारी भी 5 अरब डॉलर में खरीद ली। आदित्य बिड़ला समूह भी दूरसंचार में शुरुआती निवेशक था और 1996 से ही इसमें है। दोनों प्रवर्तकों ने दूरसंचार क्षेत्र में कुल 1.7 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है। लेकिन विलय के बाद भी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के मुनाफे में नहीं आने पर दोनों ने आगे निवेश से इनकार कर दिया है। एक सूत्र ने बताया कि दोनों प्रवर्तकों ने एक भी पाई लिए बगैर अपनी पूरी हिस्सेदारी देने की पेशकश की है।    
सूत्र ने कहा कि मौजूदा शेयरधारकों, ऋणदाताओं और भारत सरकार समेत कंपनी में सभी भागीदार कंपनी को चालू रखने के लिए विभिन्न विकल्पों पर काम कर रहे हैं और कंपनी को चलाने के लिए बीएसएनएल को जोड़ा जा सकता है। वोडाफोन आइडिया का शेयर बुधवार को 1.49 फीसदी गिरकर 5.94 रुपये पर बंद हुआ।
कानूनी सूत्रों ने कहा कि वोडाफोन आइडिया के बोर्ड से आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला का हटना दर्शाता है कि अब कंपनी के लिए वापसी मुमकिन नहीं है और आदित्य बिड़ला समूह अब खुद को इस दूरसंचार उपक्रम से नहीं जोडऩा चाहता है। वरिष्ठ वकील एचपी रानिना ने कहा, ‘अगर बैंक 90 फीसदी कर्ज छोडऩे को तैयार हों और भारत सरकार सभी दूरसंचार कंपनियों के लिए न्यूनतम कीमत तय करने पर सहमत हो तभी कंपनी बच सकती है। अन्यथा कंपनी को खत्म करना ही अच्छा है क्योंकि इससे दूरसंचार क्षेत्र में केवल दो कंपनियां रह जाएंगी।’

First Published : August 6, 2021 | 12:12 AM IST