दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को स्पाइसजेट के पट्टेदाता को उस इंजन का निरीक्षण करने की अनुमति दी जो उसने एयरलाइन को पट्टे पर दिया था। यह निरीक्षण इंजन को परिचालन से दूर किए जाने के समय और इसकी पुन: डिलिवरी के वक्त इंजन लीज फाइनैंस बीवी द्वारा किया जाएगा। न्यायालय ने स्पाइसजेट से इंजन के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने को भी कहा है।
पट्टेदाता ने न्यायालय को बताया कि स्पाइसजेट उसके इंजन को कमजोर बना रही थी और 15 जनवरी को इंजन को परिचालन से अलग रखने के बाद भी लगातार इसका इस्तेमाल कर रही थी। हालांकि स्पाइसजेट ने इस दावे का खंडन किया है।
स्पाइसजेट और इंजन लीज फाइनैंस बीवी ने पिछले साल अक्टूबर में अदालत को बताया था कि उनके बीच समझौता हो गया है। समझौते की शर्तों के अनुसार स्पाइसजेट जनवरी तक इंजन पट्टेदाता को 20 लाख डॉलर से ज्यादा का भुगतान करेगी।
इंजन पट्टेदाता ने कहा कि वह एयरलाइन के साथ इंजन लीज समझौता समाप्त नहीं करेगी और यदि स्पाइसजेट संबद्ध शर्तों का पालन नहीं करती है तो फिर से अदालत का दरवाजा खटखटाएगी।
स्पाइसजेट के अधिकारी ने अक्टूबर 2023 में कहा था, ‘स्पाइसजेट और इंजन लीज फाइनैंस कॉरपोरेशन एविएशन सर्विसेज ने अदालत से बाहर आपसी सहमति से अपना विवाद सुलझाने का निर्णय लिया है। दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष आज की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं ने अदालत को सूचित किया कि समझौते की शर्तें मान ली गई हैं और उसके परिणामस्वरूप दोनों कानूनी टीमों ने स्थगन का अनुरोध किया है और न्यायालय ने इसे मंजूरी भी दे दी है।’