प्रतीकात्मक तस्वीर | फोटो क्रेडिट: Commons
कोटक महिंद्रा बैंक ने शनिवार को अपनी तिमाही नतीजों की घोषणा की। मार्च 2025 को खत्म हुई तिमाही (Q4 FY25) में बैंक का स्टैंडअलोन शुद्ध मुनाफा पिछले साल की तुलना में 14% कम होकर 3,552 करोड़ रुपये रहा। इस गिरावट का मुख्य कारण प्रावधानों (Provisions) में भारी बढ़ोतरी है। बैंक ने इस तिमाही में प्रावधान और आकस्मिक खर्चों के लिए 909 करोड़ रुपये रखे, जो पिछले साल की तुलना में तीन गुना से ज्यादा है। यह कदम बैंक की सावधानी भरी रणनीति को दर्शाता है, ताकि खराब कर्ज से बचा जा सके।
हालांकि, मुनाफे में कमी के बावजूद बैंक की संपत्ति की गुणवत्ता (Asset Quality) में थोड़ा सुधार हुआ है। 31 मार्च 2025 तक बैंक का सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (GNPA) अनुपात 1.42% रहा, जो दिसंबर 2024 के 1.50% से कम है। इससे पता चलता है कि बैंक अपने कर्ज की गुणवत्ता को बेहतर करने में कामयाब रहा है।
बैंक के कारोबार में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिली। इस तिमाही में लोन (Advances) में 13% और जमा (Deposits) में 15% की सालाना बढ़ोतरी हुई। बैंक की शुद्ध ब्याज आय (Net Interest Income) भी 5% बढ़कर 7,284 करोड़ रुपये हो गई। लेकिन, शुद्ध ब्याज मार्जिन (NIM) में कमी आई और यह 5.28% से घटकर 4.97% रह गया। हालांकि, दिसंबर तिमाही के 4.93% की तुलना में इसमें हल्का सुधार हुआ।
मार्जिन पर दबाव का कारण यह है कि बैंक के ज्यादातर लोन बाहरी बेंचमार्क (जैसे रेपो रेट) से जुड़े हैं। ब्याज दरों में कटौती के माहौल में लोन की दरें जल्दी कम हो जाती हैं, लेकिन जमा की दरें बाद में बदलती हैं। इससे बैंक का मार्जिन अस्थायी रूप से कम हो जाता है।
बैंक के बोर्ड ने प्रति शेयर 2.50 रुपये के डिविडेंड की घोषणा भी की है। फरवरी में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कोटक महिंद्रा बैंक पर लगी 10 महीने की पाबंदी हटा दी थी, जिसमें उसे नए क्रेडिट कार्ड जारी करने और डिजिटल तरीके से ग्राहकों को जोड़ने से रोका गया था। यह प्रतिबंध बैंक के आईटी सिस्टम में खामियों के कारण लगाया गया था।
शुक्रवार को कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर बीएसई पर 0.95% की गिरावट के साथ 2,185 रुपये पर बंद हुए। कुल मिलाकर, बैंक ने चुनौतियों के बावजूद अपने कारोबार को मजबूत रखा है और भविष्य में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।