बी के बिड़ला ग्रुप की कंपनी केसोराम इंडस्ट्रीज (Kesoram Industries) अगले 18 महीने में लाभ में आने की खातिर दो तरह की रणनीति पर काम कर रही है।
कंपनी के पूर्णकालिक निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी (CEO) पी. राधाकृष्णन ने बुधवार को आयोजित कंपनी की सालाना आम बैठक के बाद बातचीत में कहा, बैलेंस शीट को मजबूती के लिए दो अहम चीज ब्लेंडेड सीमेंट में इजाफा और पुराने कर्ज के बदले नया कर्ज लेना है।
वित्त वर्ष 23 में केसोराम ने एकल आधार पर 115.67 करोड़ रुपये का शुद्ध नुकसान दर्ज किया। कंपनी की कुल आय 3,603.93 करोड़ रुपये रही। वित्त वर्ष 22 में शुद्धनुकसान 130.01 करोड़ रुपये रहा था।
वित्त वर्ष 23 में कंपनी ने 70 लाख टन से ज्यादा का आंकड़ा हासिल किया। ब्लेंडेड सीमेंट बिक्री की हिस्सेदारी 54 फीसदी रही।
राधाकृष्णन ने कहा, इस साल ब्लेंडेड सीमेंट की हिस्सेदारी बढ़ाकर 60 फीसदी करने और धीरे-धीरे इसे 80 फीसदी पर ले जाने की योजना है।
वित्त वर्ष 23 में कंपनी का एबिटा (EBITDA) 371.22 करोड़ रुपये रहा, लेकिन वित्तीय लागत 422.78 करोड़ रुपये रही। केसोराम का कुल कर्ज करीब 1,700 करोड़ रुपये है।
राधाकृष्णन ने कहा, परिचालन में सुधार पर ध्यान दिया जाएगा, जिससे आगे ब्याज दरें कम होंगी। साथ ही परिचालन में सुधार के लिए कंपनी को उच्च मार्जिन की ओर बढ़ना होगा।
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उद्योग के रुख के साथ कंपनी का प्रदर्शन भी बढ़ी इनपुट लागत, खास तौर से ईंधन लागत के कारण प्रभावित हुआ, जिसका भार पूरी तरह से ग्राहकों पर नहीं डाला जा सकता।
केसोराम इस साल 80 लाख टन के वॉल्यूम का लक्ष्य लेकर चल रही है। राधाकृष्णन ने कहा, परिचालन में पूरी ऊर्जा झोंकना और बेहतर प्रदर्शन जरूरी है, बाकी चीजें स्वत: हो जाएंगी।
उन्होंने कहा, हमारा लक्ष्य कर्ज को पहले घटाकर 1,200 करोड़ रुपये पर लाने का होगा। मजबूत बैलेंस शीट से कंपनी को कम लागत पर पूंजी आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
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मध्यम अवधि के लिए कंपनी की बढ़त की योजना भी है। अगले पांच साल में केसोराम 1.5 करोड़ टन क्षमता चाह रही है, जो अभी करीब 1 करोड़ टन है।
कंपनी की कर्नाटक (सेदाम) और तेलंगाना (बसंतनगर) की विनिर्माण इकाई चूना पत्थर के भंडार के करीब है।