कच्चे माल की सुरक्षा बढ़ाने के लिए जेएसडब्ल्यू स्टील ने सोमवार को ऑस्ट्रेलिया की खनन कंपनी एम रेस एनएसडब्ल्यू में 66.67 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा की है। स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में कंपनी ने कहा कि 12 अगस्त को निदेशक मंडल ने अपनी बैठक में एम रेस एनएसडब्ल्यू एचसीसी पीटीवाई लिमिटेड (एम रेस एनएसडब्ल्यू) में 66.67 फीसदी तक के अधिग्रहण की मंजूरी दी है। यह निवेश जेएसडब्ल्यू के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी जेएसडब्ल्यू स्टील (नीदरलैंड) बीवी के जरिये किया जाएगा।
निवेश की शर्तों के मुताबिक, कंपनी को साल 2030 में ऑस्ट्रेलियाई कंपनी एम रेस एनएसडब्ल्यू में पांच करोड़ डॉलर का अतिरिक्त निवेश करना होगा।
अपनी नियामकीय फाइलिंग में कंपनी ने बताया कि कच्चे माल की सुरक्षा और लागत में कमी लाना कंपनी की मुख्य रणनीति है और यह अधिग्रहण इसी उद्देश्य की पूर्ति की दिशा में लिया गया कदम है। एम रेस एनएसडब्ल्यू का स्वामित्व मैथ्यू लैटिमोर के पास है, जो एम रिसोर्सेज पीटीवाई लिमिटेड (एम रिसोर्सेज) के मालिक हैं। यह अंतरराष्ट्रीय खनन, निवेश, मार्केटिंग और ट्रेडिंग कंपनी है, जिसका मुख्यालय ऑस्ट्रेलिया में है।
एम रेस एनएसडब्ल्यू के पास गोल्डन एम एनएसडब्ल्यू पीटीवाई लिमिटेड (गोल्डन एम) में 30 फीसदी हिस्सेदारी है। इलावारा कोल होल्डिंग्स पीटीवाई लिमिटेड (इलावारा मेटलर्जिकल कोल) के प्रस्तावित मालिक हैं, जिसके संचालन में एपिन और डेंड्रोबियम कोकिंग कोयला खदानें और ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स में संबंधित बुनियादी ढांचा शामिल है।
इन खदानों में प्राइम हार्ड कोकिंग कोयले का कुल विपणन लायक भंडार 9.9 करोड़ टन है और बीते पांच वर्षों में औसतन 65 लाख टन सालाना उत्पादन हुआ है। फाइलिंग में कहा गया है कि गोल्डन एम में शेष 70 फीसदी हिस्सेदारी गोल्डन इन्वेस्टमेंट्स (ऑस्ट्रेलिया) 3 पीटीई लिमिटेड के पास है। यह गोल्डन एनर्जी ऐंड रिसोर्सेज पीटीई लिमिटेड (गियर) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।
कोकिंग कोयला इस्पात निर्माण का प्रमुख कच्चा माल है। भारतीय इस्पात निर्माताओं की कोकिंग कोयले की जरूरत ज्यादातार आयात के जरिये पूरी की जाती हैं। साल 2030 तक 5 करोड़ टन स्टील निर्माण की क्षमता हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही जेएसडब्ल्यू स्टील कच्चे माल की सुरक्षा बढ़ा रही है।