कीमत बढ़ोतरी के लिए वाहन फर्मों के पास पहुंची जेएसडब्ल्यू स्टील

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 9:12 AM IST

हाजिर और अनुबंध कीमतों में बढ़ते अंतर को देखते हुए जेएसडब्ल्यू स्टील ने अनुबंध कीमतों में इजाफे के लिए वाहन कंपनियों से संपर्क किया  है। वाहन कंपनियों के साथ अर्धवार्षिक अनुबंध का नवीनीकरण अक्टूबर मेंं हुआ था। जुलाई में अनलॉकिंग के बाद कीमतों में बढ़ोतरी शुरू हुई थी, लेकिन अहम बढ़ोतरी अक्टूबर के बाद देखने को मिली।
जेएसडब्ल्यू स्टील के संयुक्त प्रबंध निदेशक और मुख्य वित्त अधिकारी (समूह) शेषगिरि राव ने कहा, अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर में वैश्विक स्तर पर हुई बढ़ोतरी को देखते हुए हमने कुछ वाहन कंपनियों से संपर्क किया और अप्रैल से होने वाली बढ़ोतरी का कुछ हिस्सा हमने जनवरी से देने का अनुरोध किया।
राव ने कहा, अप्रैल में होने वाली बढ़ोतरी का कुछ हिस्सा हम जनवरी से चाह रहे हैं। बाकी बढ़ोतरी बाद मेंं हो सकती है, ऐसे में कुल मिलाकर होने वाली बढ़ोतरी एकसमान ही रहेगी।
सामान्य तौर पर छह महीने की औसत कीमतों के जरिए अनुबंध की कीमतें तय होती हैं।
कोविड-19 महामारी के बाद लंबी चली बातचीत के बाद दूसरी छमाही के अनुबंध पर अक्टूबर में हस्ताक्षर हुए और यह पहली छमाही के मुकाबले 10-12 फीसदी ज्यादा कीमत पर हुई। हालांकि उद्योग के सूत्रोंं ने कहा कि जनवरी तक हाजिर व अनुबंध कीमतों के बीच अंतर करीब 17,000 रुपये प्रति टन था।
स्टील की देसी कीमतें दिसंबर 2020 में अब तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई और इसकी वजह मांग और अंतरराष्ट्रीय कीमतों में हुई बढ़ोतरी थी। यह वैश्विक रुख के मुताबिक था क्योंकि अप्रैल व दिसंबर के बीच चीन में कीमतों में 80 फीसदी की बढ़ोतरी हुई जबकि अमेरिका में 119 फीसदी और यूरोप में 84 फीसदी। दिसंबर में भारतीय स्टील की कीमतें पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 51 फीसदी बढ़ी।
उद्योग के सूत्रों ने कहा कि अनुबंध कीमतों में बढ़ोतरी यानी संशोधन अप्रैल मेंं होना था लेकिन वाहन कंपनियों ने महामारी के कारण रोलओवर की मांग की थी। इसके मुताबिक स्टील कंपनियों ने कीमतें रोलओवर कीं।
उद्योग के अधिकारियों ने कहा, हालांकि इससे छह महीने पहले वाहन कंपनियों के लिए स्टील की कीमतें करीब 6,000 रुपये प्रति टन घटाई गई थी। 1 अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 तक पूरा फायदा वाहन कंपनियों को मिला था जब कीमतें बढ़ रही थीं।
हालांकि स्टील का अनुबंध अर्धवार्षिक है, पर वाहन कंपनियों का बाकी सभी इनपुट मैटीरियल 100 फीसदी अनुबंध पर नहीं होता, ऐसे में जिंसों की बढ़ती कीमतों से कार निर्माताओं ने जनवरी में कीमतों में इजाफा किया।
क्रिसिल रिसर्च के मुताबिक, कार व यूटिलिटी वाहनों के कच्चे माल की लागत में स्टील की हिस्सेदारी करीब 8 फीसदी होती है, दोपहिया में सात फीसदी और वाणिज्यिक वाहनों में नौ फीसदी। यह अनुमान वित्त वर्ष 2020 के अनुमान के मुताबिक है।
स्टील कंपनियों के लिए हालांकि सिर्फ वाहन कंपनियों के ही अनुबंध नहीं हैं। जेएसडब्ल्यू स्टील की देसी बिक्री का करीब 30 फीसदी अनुबंध पर होता है और यह देश भर में मासिक, तिमाही और अर्धवार्षिक आधार पर होता है। उपकरण निर्माताओं के लिए जेएसडब्ल्यू स्टील अनुबंध के नवीनीकरण से पहले कीमतें नहीं बढ़ाने जा रही है।

First Published : January 25, 2021 | 11:43 PM IST