बीएस बातचीत
इस्पात चक्र में सुधार, कम पूंजीगत खर्च और घटती वित्त लागत की वजह से एबिटा वृद्घि से जिंदल स्टील ऐंड पावर (जेएसपीएल) का शुद्घ कर्ज वित्त वर्ष 2016 के 46,500 करोड़ रुपये के ऊंचे स्तर से घटकर वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही में 11,164 करोड़ रुपये रह गया। जेएसपीएल के प्रबंध निदेशक वीआर शर्मा ने ईशिता आयान दत्त के साथ बातचीत में बताया कि कंपनी ने जुलाई 2022 तक पूरी तरह कर्ज-मुक्त होने का लक्ष्य रखा है। मुख्य अंश:
आपने 118 प्रतिशत के प्रीमियम पर नीलामी में कासिया लौह अयस्क खदान हासिल की। इससे आपकी लौह अयस्क सुरक्षा कैसे मजबूत होगी?
आपके मामले में, यह सही है, क्योंकि हम पाइपलाइन तैयार कर रहे हैं और लॉजिस्टिक लागत बचा रहे हैं। रेल या ट्रक द्वारा माल ढुलाई प्रति टन लौह अयस्क के लिए 1200 रुपये ज्यादा है। लेकिन पाइपलाइन के साथ, कुल लागत घटकर सिर्फ 200 रुपये रह जाएगी। दूसरी बात, शारदा खदान परिचालन में नहीं है। हमने कच्चे माल की सुरक्षा के तौर पर इस पर ध्यान दिया है और यह हमारे लिए बेहद अच्छा सौदा था।
क्षमता वृद्घि के साथ आपके पास किस तरह की लौह अयस्क सुरक्षा मौजूद होगी?
कासिया खदान के साथ अब हमारे पास दो खदाने हैं। हम 50 प्रतिशत लौह अयस्क सुरक्षा चाहेंगे और नई खदानों में भागीदारी चाहेंगे जिनकी नीलामी से क्षमता वृद्घि होगी।
कोकिंग कोयला कीमतें बढ़ी हैं। आपकी बाहरी खदानों के साथ कोकिंग कोयला के मोर्चे पर आपको किस तरह की सुरक्षा उपलब्ध है?
हमारे पास मोजाम्बीक, आस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में कोकिंग कोयला खदानें हैं। आस्ट्रेलिया में एक खदान लंबे समय के बाद परिचालन में है। इसलिए हमारा 60 प्रतिशत कोयला स्वयं की खदानों से है जो वैश्विक हैं, और हमें शेष को खरीदना होगा। हम इस अनुपात को बनाए रखेंगे।
आपका शुद्घ कर्ज 11,164 करोड़ रु. है, आगामी लक्ष्य क्या है?
हम इस वित्त वर्ष के अंत तक इसे घटाकर 5,000 करोड़ रुपये और अगले साल जुलाई तक इसे शून्य पर लाएंगे।
आपने नीलाचल इस्पात के लिए ईओआई सौंपी है, क्या आप बोली लगाएंगे?
हमने ईओआई सौंप दी है। लेकिन हमारी मुख्य दिलचस्पी विलय एवं अधिग्रहण नहीं बल्कि आंतरिक स्रोतों के जरिये विस्तार में ज्यादा है। पुराने संयंत्रों के लिए प्रौद्योगिकी में बदलाव किया गया है। इसलिए हमारा मुख्य मकसद श्रेष्ठ प्रौद्योगिकी के साथ संयंत्र का संचालन करना है।
आपको वित्त वर्ष 2025 तक क्षमता 96 लाख टन से बढ़ाकर 1.6 करोड़ टन करने की योजना बनाई है। क्या इसके लिए आपको अतिरिक्त कर्ज लेना पड़ेगा?
हमारी पिछली घोषणा में कहा गया था कि हम हर साल 15,000 करोड़ रुपये एबिटा का लक्ष्य हासिल करना चाहते हैं। यदि हम यह लक्ष्य हासिल कर लेते हैं तो शुद्घ लाभ 8,000-8,500 करोड़ रुपये होगा। इसलिए हमें इसे संयंत्र और अपने विस्तार के लिए मशीनरी पर इस्तेमाल करना होगा।
क्या आप सपाट या लॉन्ग स्टील श्रेणी के उत्पादों में क्षमता बढ़ाएंगे?
यह क्षमता वृद्घि मुख्य तौर पर फ्लैट यानी सपाट श्रेणी के इस्पात उत्पादों में होगी।
घरेलू मांग कैसी है?
बाजार अच्छी स्थिति में है और देश अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। अक्टूबर में करीब 1.3 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह हुआ हो अच्छा संकेत है।