दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी काइनेटिक मोटर कंपनी को खरीदने के बाद महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आनंद महिंद्रा ने बुधवार को अपने लक्ष्य का खुलासा करते हुए कहा कि, ‘हर घर में महिंद्रा का एक वाहन होना चाहिए’।
एमऐंडएम ने 110 करोड़ रुपये में पुणे की इस दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी का अधिग्रहण किया है। भले ही आनंद महिंद्रा ने अपनी ख्वाहिश का इजहार अब जाकर किया हो पर 1997 में वह जब कंपनी के मुख्य कार्यकारी बने थे तब से ही वह कुछ ऐसा सपना देख रहे थे। उस समय भी ट्रैक्टर के जरिए बड़ी तादाद में महिंद्रा की मौजूदगी ग्रामीण परिवारों में थी।
हां, उनकी उपस्थिति उस समय थोड़ी और मजबूत हो गई जब कुछ समय पहले कंपनी ने पंजाब ट्रैक्टर का अधिग्रहण किया था। अब देश में बिकने वाला हर तीसरा ट्रैक्टर महिंद्रा का ही होता है। महिंद्रा ने ही स्पोट्र्स यूटिलिटी व्हीकिल के बाजार में एमऐंडएम की चुनौती की शुरुआत की थी। उसके पहले कंपनी की मौजूदगी उन यूटिलिटी गाड़ियों के बाजार में थी जिनका इस्तेमाल कारोबारी आवश्यकताओं के लिए किया जाता था।
कंपनी ने स्पोट्र्स यूटिलिटी गाड़ियों की श्रेणी में अपनी मौजूदगी को दमदार तरीके से पेश करने के लिए स्कॉर्पियो लॉन्च की जो कुछ ही समय में इस वर्ग में सबसे अधिक बिकने वाली गाड़ी बन कर उभरी। महिंद्रा ने यूरोपीय कार निर्माता कंपनी रेनो की सहायता से मझोले आकार की सेडान गाड़ी लोगान को भी लॉन्च किया, यह अलग बात है कि इस कार की बिक्री अनुमान से कम रही है। और जल्द ही 53 वर्षीय महिंद्रा के उत्पादों की सूची में दोपहिया वाहन भी शामिल हो जाएंगे।
अपनी गाड़ियों के काफिले में दोपहिया वाहनों को शामिल करने का निर्णय महिंद्रा ने 18 महीने पहले ही लिया था और इसी योजना को पूरा करने के लिए उन्होंने हिंदुस्तान यूनीलीवर के कार्यकारी निदेशक अनूप माथुर को अपनी कंपनी के साथ जोड़ लिया था। उस समय कुछ विशेषज्ञों ने कहा था कि दोपहिया वाहन के बाजार में उतरने के लिए इससे बुरा समय कोई नहीं हो सकता है। दो दशक तक शानदार प्रदर्शन के बाद इस क्षेत्र का आउटलुक बिगड़ गया था। हर गुजरते हफ्ते के साथ सेल्स का ग्राफ भी नीचे जाता जा रहा था।
बढ़ती ब्याज दरों का असर बिक्री पर साफ देखने को मिला और 2007-08 में देश भर में दोपहिया वाहनों की बिक्री में 8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। पर महिंद्रा इन सबके बावजूद भी अपने इरादे पर पक्के थे और उन्हें पता था कि अगर हर घर में महिंद्रा के सपने को पूरा करना है तो दोपहिया वाहनों को अपने बेड़े में शामिल किए बगैर ऐसा नहीं हो सकता है। महिंद्रा कहते हैं कि देश में अब भी ऐसी एक बड़ी आबादी है जिनके पास वाहन नहीं है। वह मानते हैं कि भले ही बिक्री का ग्राफ नीचे गिरा हो पर फिर भी चीन के बाद भारत में ही दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा दोपहिया वाहन बाजार है।
महिंद्रा के इन बयानों से तो साफ हो ही जाता है कि भले ही कारोबारी परिदृश्य अनुकूल नहीं हों फिर भी वह अपने इरादे को लेकर बहुत पक्के हैं। इसी योजना को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने जून में दोपहिया डिजाइन बनाने वाली इटली की कंपनी इंजिन्स इंजीनियरिंग स्पा का अधिग्रहण किया था। महिंद्रा कहते हैं, ‘उत्पाद विकास क्षमता को हम अपना मजबूत पक्ष बनाना चाहते हैं।’ वह कहते हैं कि दोपहिया वाहन कारोबार की हर श्रेणी में कंपनी की दखल हो तभी उनका सपना पूरा होगा।