जेट एयरवेज साल 2024 तक करीब 20 एयरबस ए320 विमानों को पट्टा पर देने की संभावनाएं तलाश रही है। विमानन कंपनी अगले डेढ़ साल में अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर अपना परिचालन सुचारु करना चाहती है। ऐसे में खाली विमानों को फिलहाल पट्टे पर देने की योजना है।
सूत्रों ने कहा कि इन ए320 विमानों में सीईओ और कहीं अधिक ईंधन कुशल नियो वेरिएंट भी शामिल होंगे। इन विमानों की आपूर्ति मूल रूप से रूस की विमानन कंपनियों को की जानी थी लेकिन यूक्रेन युद्ध के कारण एयरबस, बोइंग और पश्चिमी पट्टेदारों द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाए जाने के कारण आपूर्ति नहीं की जा सकी। दस में से करीब 8 विमानों की आपूर्ति दिसंबर 2022 तक होने की संभावना है। जेट एयरवेज पहले बोइंग 737 वेरिएंट के साथ उड़ानों का संचालन करती थी। भारी ऋण बोझ और बैंकों द्वारा ताजा ऋण देने से इनकार किए जाने के बाद अप्रैल 2019 में जेट एयरवेज का परिचालन बंद हो गया था।
ए320 को विभिन्न वेरिएंट में उपलब्ध कराया गया है जिनमें 321 और 321 एक्सएलआर शामिल हैं। यही कारण है कि विमानन कंपनी एकमात्र लोकप्रिय वेरिएंट बोइंग 737 मैक्स के बजाय एयरबस को पसंद कर रही हैं।
जेट एयरवेज के सीईओ संजीव कपूर ने विमान के प्रकार के बारे में कुछ बताए बिना कहा, ‘कुछ वैश्विक परिस्थितियों के कारण कुछ विमान पट्टेदारों के पास उपलब्ध हो गए हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हमें अपनी बेड़ा योजना के बारे में निर्णय लेना अभी बाकी है लेकिन हम तेजी से परिचालन सुचारु करना चाहते हैं। हम 2024 तक अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर परिचालन शुरू करना चाहते हैं और इसका मतलब साफ है कि तब तक हमारे पास कम से कम 21 विमान होंगे।’
ब्लूमबर्ग ने खबर दी है कि विमानन कंपनी ने विमान के लिए एयरबस को ऑर्डर देना बंद कर दिया है लेकिन कपूर ने कहा कि नए ऑर्डर के लिए डिलिवरी स्लॉट 2024 से पहले उपलब्ध नहीं होगा।
जून में एनसीएलटी ने जेट एयरवेज को पुनर्जीवित करने के लिए यूएई के कारोबारी मुरारी लाल जालान के कंसोर्टियम की योजना को मंजूरी दे दी थी। हालांकि उस आदेश के खिलाफ एनसीएलएटी में कई अपील याचिका दायर की गई हैं।
