प्रमुख आईटी सेवा कंपनियों के साथ-साथ मिड-कैप कंपनियों का पहली तिमाही का प्रदर्शन नरम रहा है, जो व्यापक आर्थिक अनिश्चितताओं की ओर इशारा करता है। चार प्रमुख कंपनियों के आंकड़ों से आगे चलकर मुश्किल वक्त का संकेत मिलता है।
फर्मों द्वारा किए गए सौदों का कुल अनुबंध मूल्य (टीसीवी) और उनके द्वारा दर्ज की गई राजस्व वृद्धि में भी अंतर मिलता है। चार प्रमुख आईटी कंपनियों ने वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही के साथ-साथ वित्त वर्ष 24 की पहली तिमाही में कुछ बेहतरीन टीसीवी पर सौदे किए। लेकिन ये राजस्व में नहीं दिखते हैं।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही और वित्त वर्ष 23 की पहली तिमाही में क्रमशः 10 अरब डॉलर और 10.2 अरब डॉलर के टीसीवी पर हस्ताक्षर किए। अलबत्ता वित्त वर्ष 24 की पहली तिमाही में राजस्व वृद्धि स्थिर रही या इस दौरान केवल 0.3 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
इन्फोसिस का भी यही हाल थी। बेंगलूरु की इस कंपनी के पास वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही में 2.1 अरब डॉलर का बड़ा टीसीवी था, लेकिन वित्त वर्ष 24 की पहली तिमाही में राजस्व वृद्धि 1.3 प्रतिशत रही। हालांकि ये आंकड़े न तो कोई अच्छी तस्वीर पेश करते हैं और न ही प्रबंधन की ओर से कोई टिप्पणी।
बार-बार पूछे जाने के बावजूद टीसीएस के मुख्य कार्याधिकारी और प्रबंध निदेशक के कृत्तिवासन ने इस बारे में स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी कि यह अनिश्चितता कब खत्म होगी।
परिणाम की विश्लेषक बैठक के बाद मांग के संबंध में टिप्पणी पर निर्मल बंग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि परियोजनाओं में देरी बड़ा मसला है और यह किसी विशिष्ट उद्योग से संबंधित नहीं है। इससे यह भी संकेत मिलता है कि वह फिलहाल वित्त वर्ष 24 की दूसरी छमाही में तेजी के संबंध में निश्चित नहीं है और वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही के बाद ही इस पर टिप्पणी की जा सकेगी।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के अनुसार बुकिंग में वृद्धि और नरम राजस्व वृद्धि के बीच मौजूदा अंतर काफी हद तक वैकल्पिक सेवाओं पर असर की वजह से है।
एचसीएलटेक प्रबंधन बदलाव को लेकर आश्वस्त
इन्फोसिस द्वारा राजस्व वृद्धि के अनुमान में भारी कटौती ने बाजार और विश्लेषकों को चौंका दिया है। कंपनी को अब उम्मीद है कि वित्त वर्ष 24 के दौरान राजस्व में एक से 3.5 प्रतिशत का इजाफा होगा, जबकि इसने पहले कहा गया था चार से सात प्रतिशत का इजाफा होगा। इन्फोसिस के प्रबंधन ने यह जरूर कहा कि उसे बड़े सौदे मिले हैं, लेकिन इन सौदों से राजस्व साल की दूसरी छमाही में मिलेगा।
हालांकि एचसीएलटेक के मामले में प्रबंधन बदलाव को लेकर आश्वस्त है और उसने अपना अनुमान नहीं बदला है, लेकिन विश्लेषक उतने उत्साहित नहीं हैं। बाजार के लिए चिंता का दूसरा मसला कर्मचारियों की संख्या में गिरावट है।