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चीन, इंडोनेशिया से तेज बढ़ रहे भारत में वीडियो देखने वाले

Last Updated- December 12, 2022 | 12:31 AM IST

अगर आप उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने पिछले साल, विशेष रूप से महामारी की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के कारण वीडियो देखना शुरू किया है तो आप भारत के बढ़ते ऑनलाइन वीडियो उपयोगकर्ताओं का हिस्सा हैं। ऐसे उपयोगकर्ताओं की तादाद अब 35 करोड़ से ऊपर पहुंच चुकी है। यह संख्या वर्ष 2018 से 2020 तक हर साल 24 फीसदी की दर से बढ़ी है, जो चीन और इंडोनेशिया जैसे देशों की तुलना में दोगुनी तेज है।
प्रबंधन सलाहकार कंपनी बेन ऐंड कंपनी की एक रिपोर्ट ‘भारत में ऑनलाइन वीडियो- मुख्य पहलू’ में पाया गया है कि इस अवधि में रोजाना प्रत्येक दैनिक सक्रिय उपयोगकर्ता का का ऑनलाइन वीडियो देखने में बिताया जाने वाला समय 60 से 70 फीसदी बढ़ गया है।
ये आंकड़े बहुत बड़े नजर आते हैं। इसके बावजूद भारत में वृद्धि की बहुत गुंजाइश है। भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं में से 60 फीसदी ही ऑनलाइन वीडियो देखते हैं, जबकि चीन में यह आंकड़ा 90 फीसदी से अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में करीब 64 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं, जिनमें से करीब 55 करोड़ स्मार्टफोन उपयोगकर्ता हैं।
इस रिपोर्ट के लेखकों ने 15 सेकेंड से 2 मिनट तक की अवधि के वीडियो को छोटे वीडियो और 2 मिनट से अधिक के वीडियो को लंबे वीडियो माना है। वीडियो उपयोगकर्ता और पेशेवर निर्माता बना सकते हैं या वे पहले से रिकॉर्ड या लाइव स्ट्रीम्ड हो सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया की दिग्गज सोशल मीडिया और मनोरंजन कंपनियां ऑनलाइन वीडियो में हाथ आजमा रही हैं।
भारत में छोटे वीडियो का बाजार टिकटॉक के आने से शुरू हुआ था। यह इस चीनी कंपनी के देश से बाहर जाने के बावजूद लगातार बढ़ रहा है। छोटे वीडियो के प्लेटफॉर्मों पर उपयोगकर्ताओं की संख्या 3.5 गुना और कुल समय बिताने में 12 गुना बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2020 में 20 करोड़ से अधिक भारतीयों ने कम से कम एक बार छोटे वीडियो देखे। एक सक्रिय उपयोगकर्ता रोजाना इन प्लेटफॉर्म पर 45 मिनट तक का समय बिता रहा है।
रिपोर्ट में पाया गया है कि लंबे वीडियो 35 से 40 करोड़ लोग देखते हैं, जिनकी तादाद छोटे वीडियो देखने वालों की तुलना में करीब दोगुनी है। लंबे वीडियो में अहम बढ़ोतरी हुई है, जिनके उपयोगकर्ताओं और उपयोग में वर्ष 2018 से 2020 तक करीब डेढ़ गुना बढ़ोतरी हुई है। लंबे वीडियो के प्लेटफॉर्म पर सक्रिय उपयोगकर्ता रोजाना 2.5 घंटे से ज्यादा बिताते हैं, जिसमें कोविड-19 लॉकडाउन और महामारी के दौरान घरों में रहने के परामर्श से बढ़ोतरी हुई है। लंबे वीडियो के उपयोगकर्ता वर्ष 2025 तक 50 करोड़ से बढ़कर 65 करोड़ होने के आसार हैं।
यह रिपोर्ट बेन ऐंड कंपनी के पार्टनर अर्पण सेठ, श्याम उन्नीकृष्णन, श्रीवत्सन कृष्णन और एसोसिएट पार्टनर मनन भसीन ने तैयार की है। यह रिपोर्ट वीडियो उपभोग की आदतों के रोचक तथ्य और रणनीतियां बताती है, जिन पर इस क्षेत्र की कंपनियों को ज्यादा हिस्सेदारी हासिल करने के लिए ध्यान देना चाहिए।
इंस्टाग्राम (फेसबुक), यूट्यूब (गूगल), नेटफ्लिक्स और एमेजॉन प्राइम जैसी दिग्गज तकनीकी कंपनियां छोटे और बड़े वीडियो पर ध्यान दे रही हैं। छोटे वीडियो में बहुत सी कंपनियों की मौजूदगी है। इनमें बड़ी तकनीकी कंपनियां (इंस्टाग्राम रील्स, फेसबुक रील्स, स्पैनचैट स्पॉटलाइट), मुख्य रूप से छोटे वीडियो वाले एकल ऐप (मोज, जोश, एमएक्स टकाटक, रोपोसो, जिल) और केवल छोटे वीडियो वाले ऐप (मित्रों, ट्रेल, चिंगारी) शामिल हैं। इसके अलावा लंबे वीडियो मुहैया कराने वाली यूट्यूब भी छोटे वीडियो के लिए यूट्यूब शॉट्र्स लेकर आई है।

First Published - October 5, 2021 | 11:05 PM IST

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