कहीं कैश बैक की धूम तो कहीं अपने साथी का टिकट मुफ्त पाइए। इतना ही नहीं होटलों के कम किराये और सस्ती हवाई यात्रा गर्मी के सीजन में पर्यटकों का मन मोहने के लिए टूर ऑपरेटरों, वेब पोर्टलों, विमानन कंपनियों और पर्यटन से जुड़ी दूसरी कंपनियों की ही कवायद है। पर्यटन उद्योग में गर्मी के मौसम पर रुचि गुप्ता बक्शी की नजर।
मंदी की गर्म हवाएं पर्यटन उद्योग को भी झुलसा रही हैं और यही वजह है कि भारत आने वाले विदेशी सैलानियों की संख्या जहां एक तरफ कम हुई ही है, वहीं दूसरी तरफ भारतीय पर्यटकों ने भी अपनी जेब पर नजर डालना शुरू कर दिया है।
जनवरी, फरवरी में बेशक हवाई यात्रा सस्ती होने से पर्यटन उद्योग के मुंह पर हल्की-सी मुस्कान दिखाई दी हो, लेकिन पिछले डेढ़ महीने से पर्यटन उद्योग में बेरुखी का मौसम था। अब एक बार फिर पर्यटन उद्योग में गर्मी के साथ बहार लौटने लगी है।
टूर ऑपरेटर और पर्यटन से जुड़ी दूसरी कंपनियों ने गर्मियों की छुट्टियों को देखते हुए एक से बढ़कर एक पैकेज पेश किये हैं फिर चाहे यह देसी-विदेशी हॉलिडे पैकेज हो, एयर टिकट हो या फिर होटल रूम पैकेज।
शीर्ष पर्यटन स्थल
विदेशी पर्यटन में इस बार काफी बदलाव देखने को मिल रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण-पूर्वी एशिया और पश्चिमी यूरोप के साथ-साथ टूर ऑपरेटर पूर्वी यूरोप के हंगरी, वियना, चेक गणराज्य को भी तरजीह दे रहे हैं।
कॉक्स ऐंड किंग्स ने यहां के लिए 7 दिन और 6 रात का पैकेज 39,990 रुपये में पेश किया है। इसके अलावा ज्यादातर कंपनियां दक्षिण-पूर्वी एशिया में भी थाईलैंड, मलेशिया और सिंगापुर के अलावा भी कई पर्यटन स्थलों पर नजर डाल रही हैं।
पर्यटन उद्योग के मुताबिक इस बार हवाई किराया सस्ता होने के कारण मकाऊ और हांग कांग भी गर्मियों के लिए पसंदीदा विदेशी पर्यटन स्थलों में शामिल हो रहे हैं। कई टूर ऑपरेटर हवाई किरायों सहित हांग कांग का 3 रातें और 4 दिन का पैकेज लगभग 25 हजार रुपये में ग्राहकों को उपलब्ध कराया है।
ऑस्ट्रेलिया के लिए 5 रातें और 6 दिन का हॉलिडे पैकेज 60,000 रुपये से शुरू है तो थाईलैंड के पताया और बैंकॉक में 4 रातों का पैकेज लगभग 20,000 रुपये में उपलब्ध है। इसके अलावा यूरोप का 6 रातें और 7 दिन का पैकेज 50,000 रुपये में उपलब्ध है। सिर्फ इतना ही नहीं इन दिनों कम पैसे खर्च कर विदेश घूमने वालों को लुभाने के लिए श्रीलंका के सस्ते पैकेज भी टूर ऑपरेटरों की फेहरिस्त में काफी ऊपर हैं।
पर्यटन से जुड़े वेब पोर्टल यात्रा डॉट कॉम की वेबसाइट पर श्रीलंका का 2 रातें और 3 दिन का दिल्ली से पैकेज 13,000 रुपये की कीमत में उपलब्ध है। स्टिक टूर्स ने भी घरेलू पर्यटन स्थालों के अलावा विदेशी पैकेजों में अलास्का ऑन बोर्ड और श्रीलंका का पैकज पेश किया है। अलास्का से जहाज का 7 दिन का सफर 100 अमेरिकी डॉलर प्रति दिन प्रति व्यक्ति की कीमत पर उपलब्ध है, जबकि श्रीलंका में 2 रात कोलंबो और 1 रात कैंडी का स्टैंडर्ड पैकेज 15,499 रुपये का है।
अगर घरेलू पर्यटन स्थलों की बात करें तो उत्तर भारत में हिमाचल प्रदेश में मनाली, शिमला, मसूरी, राजस्थान, उत्तराखंड में नैनीताल, ऋषिकेश, देहरादून और दक्षिण में केरल, ऊटी, कोडईकनाल, अंडमान और निकोबार, पूर्व में अरुणाचल प्रदेश, दार्जिलिंग और गंगटोक, काफी पसंद किए जा रहे हैं।
टूर ऑपरेटर कंपनी और वेब पोर्टल मेकमाईट्रिप डॉट कॉम के कारोबार प्रमुख अमित सबरवाल का कहना है, ‘मंदी की वजह से होटल और हवाई टिकटों के किरायों में कमी आई है। पिछले साल के मुकाबले इस साल पैकेज 15 से 30 प्रतिशत सस्ते हैं। आप ही सोचिए गोवा का 3 दिन का पैकेज 8,999 रुपये में आज उपलब्ध है, वह भी पीक सीजन के दौरान। केरल में आज रेट कम हो गए हैं। जो लोग केरल जाने की इच्छा रखते हैं, वे इस समय कम किरायों के कारण बुकिंग या पूछताछ कर रहे हैं।’
दिल्ली से केरल का 6 रात और सात दिन का पैकेज 19,999 रुपये में उपलब्ध है, जिसमें हवाई यात्रा, तीन सितारा में ठहरना, भोजन आदि उपलब्ध है। दिल्ली से ऋषिकेश में राफ्टिंग का 1 रात और 2 दिन का पैकेज लगभग 2,000 रुपये में उपलब्ध है, जिसमें एक ट्रिप 7 किलोमीटर राफ्ट का और कैम्प में एक रात रहना और खाना-पीना शामिल है।
रणनीति पर बह रहा है पसीना
मंदी में ग्राहकों को पर्यटन के लिए उकसा पाना काफी मुश्किल काम है और इसी मुश्किल को आसान बनाने के लिए पर्यटन उद्योग में होड़ लगी हुई है।
यात्रा डॉट कॉम में कारोबारी विकास (होटल) के प्रमुख दीपक तुली का कहना है, ‘इस साल मंदी को देखते हुए हमने अपने सभी पैकेजों की कीमत लगभग समान रखी है। हमारे पास दो सितारा से लेकर 4 सितारा तक 400 से 450 होटल हैं, जिनके किराये लगभग 30 प्रतिशत कम हुए हैं। इसी का फायदा हम होटल्स ऑन सेल्स अभियान के जरिये अपने ग्राहकों को दे रहे हैं।’
दीपक बताते हैं कि हमारा अहम मुद्दा ज्यादा से ज्यादा कारोबार करने का है, उसकी कीमत हमारे लिए इतने मायने नहीं रखती। अगर कमाई की बात करें तो इस बार पूरे पर्यटन उद्योग की कमाई में 30 से 40 प्रतिशत तक गिरावट होने की उम्मीद है।
ग्राहकों को लुभाने के लिए जहां कॉक्स ऐंड किंग और ईजीगो1 डॉट कॉम दोनों ने कैश बैक ऑफर चलाया हुआ है, वहीं मेकमाई ट्रिप रेडियो और समाचार पत्रों पर विज्ञापन के लिए बड़ा दांव खेल रहा है। मेकमाई ट्रिप के अमित का कहना है, ‘हमने इस बार फ्लाइट्स के मामले में गो एयर के साथ करार किया है, ताकि ग्राहकों को सस्ते से सस्ते हवाई किराये मुहैया कराए जा सकें।
इस बार चूंकि कॉर्पोरेट पर्यटन में कमी देखने को मिली है, इसलिए हमारा ध्यान सरकारी कर्मचारी और छोटे कारोबारियों पर है। वेतन आयोग की सिफारिशें मानी जाने के बाद इन्हें काफी बड़ी रकम हाथ में मिलेगी। इनके लिए हमने एलटीसी के तहत कई पैकेज पेश किए हैं।’ पोर्टल ने गर्मियों के मद्देनजर अपने विज्ञापन बजट के लिए 6 करोड़ रुपये की राशि तय की है और इसके अलावा पोर्टल ने कई दूसरी भी रणनीतिक साझेदारियां की हैं।
कॉक्स ऐंड किंग्स के कारोबारी विकास प्रमुख करण आनंद का कहना है, ‘गर्मियों का सीजन है इसलिए हमने कैश बैक ऑफर खत्म नहीं किया, इसके अलावा हमारा एक एफआईटी पैकेज है जो खास इन तीन-चार महीनों के लिए है। इसके तहत बिना हवाई यात्रा के कई पैकज जैसे पश्चिमी यूरोप, पूर्वी यूरोप, हांग-कांग, मकाऊ आदि 39,990 रुपये में उपलब्ध है।’
ईजीगो1 डॉट कॉम की मुख्य परिचालन अधिकारी नीलू सिंह ने बताया कि वेब पोर्टल ने पिछले महीने दो अहम गठजोड़ किए हैं। एक भारतीय रेल के साथ और दूसरा अमेरिका की ग्लोब्स ऐंड कॉसमॉस के साथ। अमेरिका की यह कंपनी यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया आदि पर्यटन स्थलों पर एस्कॉर्ट कोच टूर उपलब्ध कराने के लिए लोकप्रिय है।
नीलू सिंह का कहना है, ‘गर्मियों के पैकेज को हमने कारोबारियों और दूसरे दर्जे के शहरों के परिवारों को ध्यान में रखकर तैयार किया है। ये वे परिवार हैं जो आमतौर पर रेल से यात्रा करते हैं और सस्ते होटल पैकेजों पर ध्यान देते हैं।’ ईजीगो1 डॉट कॉम के कुल कारोबार में हाल ही में शुरू हुए भारतीय रेल कारोबार से कुल 5 से 10 प्रतिशत का योगदान मिलता है।
पर्यटन उद्योग के जानकारों का मानना है कि इस बार भारत में पर्यटन उद्योग पिछले साल की तरह तो नहीं रहने वाला और इसी बात से बखूबी वाकिफ कंपनियां और ऑपरेटर ग्राहकों को सस्ते होटल और हवाई पैकेज मुहैया करा रहे हैं।
क्रूज का सुहाना सफर
बेशक मंदी के भंवर में वैश्विक अर्थव्यवस्था गोते लगा रही हो, लेकिन पर्यटन उद्योग में इस बार क्रूज हॉलिडेज का अंदाज ही कुछ और। एमएससी क्रूजेज ने गर्मियों के मद्देनजर ग्राहकों को लुभाने के लिए अलग-अलग ऑफर दिए हैं, जैसे साथी की यात्रा पर 50 प्रतिशत की छूट और बच्चों का पैकेज (किसी भी उम्र के) बिल्कुल मुफ्त।
लक्जरी पर्यटन के रूप में आज क्रूज पर्यटन को खासा प्रोत्साहित किया जा रहा है, लेकिन फिलहाल यह अमेरिका, बार्केलोना और दक्षिण-पूर्वी एशिया में ही उपलब्ध है। सिंगापुर से मुंबई के 8 रात और 9 दिन का 66,500 रुपये का ‘लीजेंड ऑफ दी सी’ पैकेज बहुत महंगा तो कतई नहीं है।
करण आनंद का कहना है, ‘इस बार गर्मियों के लिए हमने खास तौर पर क्रूज पैकेज शुरू किया है। यह क्रूज पैकेज स्कैंडनेविया और अमेरिका के लिए है। आठ दिन और सात रात के इस क्रूज पैकेज पर पर्यटक यूरोप के सबसे बड़े क्रूज एमएससी फैंटासिया पर यात्रा करेंगे। इसकी कीमत 39,990 रुपये बिना हवाई किराया और 56,990 हवाई किराये के साथ है।’
बोलते आंकड़े : फरवरी 2009
पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक फरवरी, 2009 में 5.02 लाख विदेशी सैलानी भारत पहुंचे, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 5.61 लाख विदेशी सैलानी भारत आए थे।
गौरतलब है कि इस साल फरवरी में विदेशी सैलानियों का आंकड़ा वर्ष 2007 की समान अवधि में आए सैलानियों के स्तर 5.02 लाख पर पहुंच गया है। सैलानियों की संख्या में गिरावट की अहम वजह वैश्विक आर्थिक मंदी हो सकती है।
विदेशी मुद्रा में हुई कमाई इस साल फरवरी में 4,547 करोड़ रुपये है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 5,182 करोड़ रुपये थी। पिछले साल के मुकाबले फरवरी, 2009 में विकास दर में कमी की अहम वजह विनिमय दर में उतार-चढ़ाव और विदेशी सैलानियों की आवक में कमी है।
(सरकारी आंकड़े प्रमुख हवाई अड्डों से जुटाए गए हैं।)
पर्यटकों को एयरलाइंस से मिली ठंडक
देशी पर्यटन को बढ़ावा देने में किफायती विमान सेवाएं मुहैया कराने वाली एयरलाइंस की भी अहम भूमिका रहती है। और मंदी के बावजूद इन एयरलाइंस ने अपने हवाई किराये कम किए हैं।
एमडीएलआर के मुख्य कार्याधिकारी कौस्तव धर का कहना है, ‘गर्मियों को ध्यान में रखकर हमने अपनी उड़ाने बढ़ाने का फैसला लिया है। 15 अप्रैल से जमशेदपुर और 25 अप्रैल से शिमला की हमारी उड़ानें शुरू होंगी। मई में हम वाराणसी और वडोदरा की उड़ानें भी भरने पर विचार कर रहे हैं। वहीं जहां गोवा के लिए अब तक हमारी सप्ताह में 7 उड़ानें थीं अब उनकी संख्या 9 कर दी है।’
कौस्तव के मुताबिक पिछले साल के मुकाबले इस साल हवाई किरायों में 15 से 20 प्रतिशत की कमी है, जबकि यात्रियों की संख्या में 6 फीसदी का इजाफा हो सकता है। एमडीएलआर ही नहीं और भी दूसरी घरेलू विमानन कंपनियों जैसे इंडिगो ने दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, अहमदाबाद और वडोदरा से 11 नई उड़ानें शुरू की हैं।
साथ ही इंडिगो ने अपनी नई दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और अहमदाबाद की मौजूदा उड़ानों के समय भी बदला गया है। स्पाइस जेट ने भी गर्मियों के लिए अपनी उड़ानों की मौजूदा संख्या 115 से बढ़ाकर 119 कर दी है।
सिर्फ इतना ही नहीं दूसरी भी विमानन कंपनियों ने अपनी कीमतें कम की हैं। स्पाइसजेट और इंडिगो ने पिछले ही सप्ताह अपने किरायों में कटौती की है। और इसी तर्ज पर आगे बढ़ते हुए किंगफिशर भी अपने किरायों में कटौती कर चुकी है।
एयर इंडिया के एक अधिकारी ने अपना नाम छुपाए रखने की शर्त पर बताया कि कंपनी ने अपने विमानन ईंधन के अधिभार को घरेलू हवाई किरायों में से लगभग 1,500 से 2,700 रुपये कम किया है और 30 दिन पहले बुकिंग कराने पर ही यह छूट मिलेगी और यह स्कीम सितंबर तक उपलब्ध है।
उनका मानना है कि जितना भी हवाई किरायों में कमी की जाए, लेकिन फिर भी विदेशी सैलानियों के साथ-साथ स्थानीय पर्यटकों की संख्या में भी कमी दिखाई देगी। उनका कहना है, ‘पिछले साल के मुकाबले कुल पर्यटन में 65 से 60 फीसदी की कमी आई है। जिसकी एक वजह मुंबई आतंकी हमलों के बाद विदेशों में दूतावासों की और से भारत न आने के लिए एडवाइजरी जारी होना और दूसरी वजह मंदी है।’
टूर ऑपरेटरों और पर्यटन की दूसरी कंपनियों के साथ-साथ विमानन कंपनियों को भी सरकारी कर्मचारियों से खासी उम्मीद है। सिर्फ घरेलू विमानन कंपनियों ने ही नहीं बल्कि कैथे पैसिफिक, थाई एयरवेज और एतिहाद एयरवेज सरीखी विदेशी विमानन कंपनियों ने भी अपने हवाई किरायों में कटौती की है।
विशेषज्ञ की बात
अनुसंधान एवं शोध कंपनी आरएनसीओएस ई-सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्याधिकारी एस माहेश्वरी का कहना है, ‘पिछले साल के मुकाबले इस साल अप्रैल से जून यानी गर्मियों के सीजन में विदेशों से आने वाले सैलानियों की संख्या में लगभग 8 प्रतिशत की गिरावट होने की उम्मीद है।
ऐसा माना जा रहा है कि पिछले साल के मुकाबले इस बार भारतीय टूर ऑपरेटरों के विदेशी पैकेजों की बिक्री में लगभग 5 फीसदी की गिरावट आएगी। जबकि दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों जैसे सिंगापुर, थाईलैंड और मलेशिया के पैकेजों की बिक्री में 3 से 5 प्रतिशत का इजाफा हो सकता है।’
माहेश्वरी मानते हैं कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय विमानन कंपनियों के अपने हवाई किराये में कमी करने और प्रमुख होटल शृंखलाओं के अपने कमरे की दरों में कटौती करने से भारतीय पर्यटन उद्योग को फायदा पहुंच सकता है। लेकिन वे यह भी मानते हैं कि इससे आर्थिक मंदी के प्रभाव को पूरी तरह से दूर नहीं किया जा सकता। – एस माहेश्वरी, आरएनसीओएस ई-सर्विसेज