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जादू रहेगा बरकरार

Last Updated- December 11, 2022 | 12:36 AM IST

जोहानिसबर्ग के मशहूर स्टेडियम वांडरर्स में जब 24 मई को खेले जा रहे फाइनल मुकाबले की अंतिम गेंद फेंकी जा रही होगी तब तक एक ऐसी लीग का भविष्य काफी कुछ तय हो चुका होगा, जिसने पहले ही संस्करण में अपने तूफान से क्रिकेट की पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया था।
सही मायनों में अपनी जन्मस्थली से दूर अफ्रीका महाद्वीप के सुदूर दक्षिण में स्थित बेहद खूबसूरत दक्षिण अफ्रीका में खेली जा रही इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल-2 जरिये वाकई में बहुत बड़ा जुआ खेला जा रहा है।
न केवल बीसीसीआई, आईपीएल और आईपीएल की फ्रैंचाइजियों का बल्कि क्रिकेट की सुपरब्रांड के तौर पर उभरे आईपीएल का खुद का अस्तित्व भी अब अगले डेढ़ महीने में काफी कुछ तय हो जाएगा। पिछले साल अप्रैल और मई में हुए इस क्रिकेट टूर्नामेंट ने क्रिकेटरों की दुनिया ही बदल दी और दर्शकों को ऐसा मसाला दिया कि लोकप्रियता के कई रिकॉर्ड धरे के धरे रह गए।
आईपीएल को लेकर कुछ देशों के बोर्ड और खिलाड़ियों के विरोध को भी आईपीएल की मोटी कमाई ने ठंडा कर दिया। जाहिर है जब आगाज़ ही इतना शानदार रहा तो आगे की उम्मीद पिछले से बेहतर करना बेमानी भी नहीं है।
सब कुछ ठीक-ठाक चल भी रहा था और आईपीएल के दूसरे संस्करण की तैयारियां पूरे जोर पर भी थीं, लेकिन देश में हो रहे आम चुनाव के माहौल में सरकार द्वारा आईपीएल को सुरक्षा देने से मनाही करने के बाद से इसका आयोजन खटाई में पड़ गया।
शो मस्ट गो ऑन
यहीं पर बीसीसीआई ने बड़ा दांव खेलते हुए अपनी इस लीग को देश से बाहर आयोजित कराने का फैसला किया। हालांकि फैसला मुश्किल था और इससे आईपीएल के खर्चे भी बढ़ने थे फिर भी यह फैसला करना पड़ा। जैसा कि मुंबई में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान आईपीएल के कमिश्नर ललित मोदी ने कहा, ‘आईपीएल को आयोजित कराना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। भले ही इसके लिए हमें ज्यादा खर्च ही क्यों न करना पड़े।’
पिछले साल आईपीएल के जरिये बीसीसीआई के कुबेर बनकर उभरे इस मारवाड़ी कारोबारी को भी कहीं न कहीं इस बात का अंदेशा जरूर है कि इस बार का आईपीएल मुनाफा देने नहीं जा रहा है। वह कहते हैं, ‘आईपीएल को दूसरी जगह ले जाने की लागत बहुत ज्यादा है। हम घाटे पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। लेकिन इतना तय है कि कमाई के मामले में इस साल हाथ कुछ तंग रह सकता है।’
बीसीसीआई को टीम मालिकों को भी इस बात पर सहमत करने में भी काफी मशक्कत करनी पड़ी और उन्हें इस बात का आश्वासन दिया गया कि ‘उनके हितों को सुरक्षित रखा जाएगा।’ तभी तो यूबी समूह के मुखिया और आईपीएल की बेंगलुरु टीम के मालिक विजय माल्या ने कहा, ‘देश में आईपीएल आयोजित न होने से हम सभी निराश हैं।
लेकिन रद्द होने से बेहतर तो यह है कि इसका आयोजन दूसरी जगह पर हो रहा है। कम से कम देश के क्रिकेट प्रेमी टीवी के जरिये ही आईपीएल देख सकेंगे।’ मुंबई इंडिंयंस की मालिक नीता अंबानी के सुर भी माल्या से जुदा नहीं थे। उन्होंने कहा, ‘आईपीएल को बाहर ले जाने से हम सभी निराश हैं लेकिन बीसीसीआई ने हमें आश्वस्त किया है कि हमारे हितों का विशेष ख्याल रखा जाएगा।’
दिखेगा दम या उतरेगा रंग
आईपीएल के पहले संस्करण की जबरदस्त सफलता के बाद क्या दक्षिण अफ्रीका में होने वाला आईपीएल-2 भी उतना ही सफल रहेगा?  जानकारों की राय इस मामले में बंटी हुई है और निश्चित रूप से कुछ भी नहीं कहा जा सकता।
सबसे बड़ी बात तो यह है कि आईपीएल के आयोजन की तैयारी के लिए क्रिकेट साउथ अफ्रीका (सीएसए) को बहुत कम वक्त मिला है, ऐसे में स्टेडियमों को वक्त पर तैयार करना एक बहुत बड़ी चुनौती है। वैसे इस मामले में सीएसए पर भरोसा किया जा सकता है। दक्षिण अफ्रीका 2003 में क्रिकेट विश्व कप और 2007 में टी-20 विश्व कप की सफल मेजबानी कर चुका है।
दूसरी समस्या है दर्शकों को जुटाने की। दरअसल जिस वक्त आईपीएल का आयोजन हो रहा है उसी दौरान दक्षिण अफ्रीका में रग्बी का सीजन चालू रहेगा। रग्बी दक्षिण अफ्रीका में काफी लोकप्रिय है ऐसे में डेढ़ महीनों तक दर्शकों को आईपीएल मुकाबलों के लिए खींचने में आयोजकों को खासी मशक्कत करनी पड़ेगी। इसके बाद भी लाख टके का सवाल यही है कि कितनी तादाद में दर्शक मैच देखने उमड़ेंगे?
ऐसे में आयोजकों के साथ-साथ टीम मालिकों को भी कुछ न कुछ अलग प्रयास जरूर करने पड़ेंगे। इस बाबत राजस्थान रॉयल्स टीम में क्रिकेट ऑपरेशंस से जुड़े शमशेर सिंह ने बिानेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘भीड़ जुटाने के लिए अलग से कुछ प्रयास तो जरूर करने होंगे।’ इसके अलावा विदेश में आईपीएल होने से टीवी रेटिंग भी गिर सकती है, जिससे विज्ञापनों की दरें प्रभावित हो सकती हैं।
गुड़गांव की एक मीडिया एजेंसी से जुड़े एक एक्जीक्यूटिव बताते हैं, ‘स्टेडियमों में दर्शकों की संख्या कम होने से माहौल उतना रोमांचक नहीं बन पाता और मैच के दौरान टीवी पर भी इसका असर दिख सकता है। विदेश में आयोजित होने की वजह से टीवी रेटिंग भी 10 से 15 फीसदी तक गिर सकती है।’
मिला मौका, लगेगा चौका
मंदी के दौर में हाथ लगी आईपीएल की मेजबानी दक्षिण अफ्रीका के लिए किसी सोने के अंडे देने वाली मुर्गी से कम नहीं है। क्रिकेट साउथ अफ्रीका की वेबसाइट के मुताबिक लोगों में आईपीएल को लेकर काफी उत्साह है और जोहानिसबर्ग, केपटाउन और डरबन में होने वाले मुकाबलों के टिकट काफी संख्या में बिक भी चुके हैं।
डरबन में तो भारतीयों की अच्छी खासी आबादी है। क्रिकेट साउथ अफ्रीका के सीईओ गेराल्ड मजोला इसे एक बहुत बड़ा मौका मानते हैं। वह कहते हैं, ‘आईपीएल की मेजबानी करना हमारे लिए खास लम्हा है और हम इसको पूरी तरह से सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
दरअसल इस आयोजन के जरिये दक्षिण अफ्रीका को एक करोड़ डॉलर की कमाई होने की उम्मीद है। इस आयोजन के लिए दक्षिण अफ्रीका में होटलों के 30,000 से 35,000 कमरों की जरूरत होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसके साथ ही 10,000 उड़ानों की झोली में भी आईपीएल की वजह से काफी कुछ आएगा।
बहरहाल क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका के दफ्तर में हलचल पूरे शबाब पर है और इसका फायदा इस मुल्क को मिलता भी दिख रहा है। स्पोट्र्स मैनेजमेंट फर्म ग्लोबोस्पोर्ट के एक अधिकारी कहते हैं, ‘आईपीएल-1 की सफलता की वजह से ही दक्षिण अफ्रीका ने इसकी मेजबानी लपकने में बिलकुल भी देरी नहीं की। वहीं ईसीबी भी इसके लिए पूरी तरह से तैयार था।’
अगर दक्षिण अफ्रीका में आईपीएल का आयोजन पहले संस्करण की तुलना से भी ज्यादा सफल रहता है तब यह अश्वमेध के घोड़े की तरह हो जाएगा, जिसे रोकना किसी के बस में भी नहीं होगा। 
सफलता पर संदेह
देश की सीमाओं के परे आयोजन होने  से देसी क्रिकेट प्रेमियों का कुछ हद तक इससे मोहभंग हो सकता है। दूसरी बात यह है कि देश में इन दिनों चुनावी बयार बह रही है। मीडिया का ध्यान भी चुनावों पर लगा हुआ है। ऐसे में आईपीएल को पिछले साल जितना कवरेज मिलना भी मुश्किल नजर आ रहा है।
दूसरी बात यह कि देश से बाहर होने की वजह से कुछ ही मीडिया संस्थान अपने रिपोर्टर दक्षिण अफ्रीका भेज पाएंगे। दक्षिण अफ्रीका के स्टेडियमों की क्षमता भी भारतीय स्टेडियमों की तुलना में काफी कम है।
इस लिहाज से दर्शकों का जुनून भी उतना सिर चढ़कर नहीं बोल पाएगा। कोलकाता नाइट राइडर्स के मालिक शाहरुख खान एक लाख लोगों की भीड़ से खचाखच भरे ईडन गार्डन की कमी जरूर शिद्दत से महसूस करेंगे।
दक्षिण अफ्रीका के खूबसूरत शहर केपटाउन से कुछ दूरी पर ही हिंद महासागर और अटलांटिक एक दूसरे में मिल जाते हैं। इस जगह को ‘केप ऑफ गुड होप’ कहते हैं। अब देखना होगा कि इस मुल्क की सरजमीं पर आईपीएल की ‘होप’ पर क्या असर पड़ता है?

First Published - April 15, 2009 | 5:52 PM IST

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