facebookmetapixel
जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने सरकार से पूरे 6G स्पेक्ट्रम की नीलामी की मांग कीतेजी से बढ़ रहा दुर्लभ खनिज का उत्पादन, भारत ने पिछले साल करीब 40 टन नियोडिमियम का उत्पादन कियाअमेरिकी बाजार के मुकाबले भारतीय शेयर बाजार का प्रीमियम लगभग खत्म, FPI बिकवाली और AI बूम बने कारणशीतकालीन सत्र छोटा होने पर विपक्ष हमलावर, कांग्रेस ने कहा: सरकार के पास कोई ठोस एजेंडा नहीं बचाBihar Assembly Elections 2025: आपराधिक मामलों में चुनावी तस्वीर पिछली बार जैसीरीडेवलपमेंट से मुंबई की भीड़ समेटने की कोशिश, अगले 5 साल में बनेंगे 44,000 नए मकान, ₹1.3 लाख करोड़ का होगा बाजारRSS को व्यक्तियों के निकाय के रूप में मिली मान्यता, पंजीकरण पर कांग्रेस के सवाल बेबुनियाद: भागवतधर्मांतरण और यूसीसी पर उत्तराखंड ने दिखाई राह, अन्य राज्यों को भी अपनाना चाहिए यह मॉडल: PM मोदीधार्मिक नगरी में ‘डेस्टिनेशन वेडिंग’, सहालग बुकिंग जोरों पर; इवेंट मैनेजमेंट और कैटरर्स की चांदीउत्तराखंड आर्थिक मोर्चे पर तो अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन पारिस्थितिक चिंताएं अभी भी मौजूद

भरोसेमंद फर्मों से ही उपकरण की खरीद

Last Updated- December 12, 2022 | 7:12 AM IST

दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने ऑपरेटरों को सिर्फ ‘ट्रस्टेड’ विक्रेताओं से उपकरण खरीद अनिवार्य बनाने के लिए बुधवार को लाइसेंसिंग मानकों में संशोधन किया।
ये नए मानक 15 जून से प्रभावी होंगे और इनका चीनी दूरसंचार उपकरण निर्माता पर प्रभाव पडऩे की आशंका है।
एक आधिकारिक आदेश में कहा गया, ‘सरकार को नियत प्राधिकरण के जरिये भारत की रक्षा के आधार पर या परोक्ष या अपरोक्ष तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को ध्यान में रखकर दूरसंचार उपकरण की खरीद के लिए शर्तें लगाने का अधिकार होगा। इस संबंधित में लाइसेंसधारक को निर्धारित प्राधिकरण द्वारा मांगे जाने पर संबद्घ जानकारी मुहैया करानी होगी।’
उपकरण कंपनियों को स्वयं को केंद्र सरकार द्वारा नियत वेबसाइट पर अपना नामांकन कराना होगा जिसके बाद यह तय होगा कि क्या कथित कंपनी दूरसंचार उपकारण के लिए भरोसेमंद स्रोत है या नहीं। ऑपरेटर उसी उपकरण निर्माता के साथ ऑर्डर प्लेस कर सकेगा जिसे विश्वस्त स्रोत की सूची में शामिल किया गया हो। हालांकि केंद्र सरकार द्वारा अभी इस संबंध में ‘ट्रस्टेड सोर्स’ स्थापित करना बाकी है।
नए नियम दूरसंचार पर राष्ट्रीय सुरक्षा निर्देश पर आधारित हैं जो गैर-अनुकूल देशों, मुख्य रूप से चीन से, नेटवर्क उपकरण के इंस्टॉलेशन को नियंत्रित करने के लिए जारी किया गया था।
चीनी उपकरण निर्माताओं को अमेरिका द्वारा वहां निर्मित उपकरणों को लेकर चिंता जताए जाने के बाद दुनियाभर से विरोध का सामना करना पड़ा है।
निर्देश के प्रावधानों के तहत, सरकार देश के दूरसंचार नेटवर्क में इंस्टॉलेशन के लिए भरोसेमंद स्रोतों और उत्पादों की सूची घोषित करेगी।
हालांकि सरकार के निर्देश का मौजूदा अनुबंधों या सालाना मैंटेनेंस अनुबंधों पर प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि इसमें मौजूदा उपकरणों के अनिवार्य प्रतिस्थापन पर जोर नहीं दिया गया है।
जहां सरकार ने चीनी कंपनियों से उपकरण की खरीद पर रोक नहीं लगाई है, वहीं उसने उन देशों से सार्वजनिक खरीद में बोलीदाताओं पर सीमाएं लगाने के लिए जनरल फाइनैंशियल रूल्स (जीएफआर) 2017 में संशोधन किया है, जिनकी सीमाएं भारत के साथ साझा होती हैं।
यदि पात्र बोलीदाता उस देश (चीन शामिल) से हो जिसकी सीमा भारत से मिलती है तो सार्वजनिक कंपनियों को निविदाएं रद्द करने की जरूरत होगी। इससे बीएसएनएल को उपकरण हासिल करने के लिए अपनी निविदा से पीछे हटना पड़ा और कुछ जरूरी बदलावों के साथ पुन: बोली पेश करनी पड़ी थी।
ये कदम बीच नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच तनाव बढऩे के बीच सामने आए हैं।

First Published - March 10, 2021 | 11:55 PM IST

संबंधित पोस्ट