इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) और आम चुनाव का आप बेशक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन इनकी आहट भर से मल्टीप्लेक्स समेत मनोरंजन बाजार के खिलाड़ियों की कंपकंपी छूट रही है।
अगले 45 दिन में जब ये दोनों महासमर होंगे, तो मनोरंजन के खिलाड़ियों पर 200 करोड़ रुपये की चोट पड़ जाएगी। दरअसल अप्रैल और मई के दौरान टेलीविजन, मल्टीप्लेक्स, होम वीडियो और थिएटर में अच्छी सामग्री पेश नहीं होगी यानी न तो अच्छी फिल्में आएंगी और न ही अच्छे कार्यक्रम, जिसकी वजह से उद्योग भारी भरकम रकम गंवा देगा।
मल्टीप्लेक्स और बॉलीवुड निर्माताओं के बीच तनातनी की वजह से इस दौरान नई फिल्में भी प्रदर्शित नहीं होनी हैं। इससे उन बड़ी मल्टीप्लेक्स कंपनियों को 150 करोड़ रुपये का नुकसान हो जाएगा, जिन्हें हर शुक्रवार नई फिल्मों के पर्दे पर आने से कमाई होती थी।
उद्योग के अनुमान के मुताबिक बॉक्स ऑफिस की खिड़की पर होने वाली कमाई में देश भर में मौजूद करीब 850 मल्टीप्लेक्सों की हिस्सेदारी लगभग 80 फीसदी है। मुंबई के एक फिल्म कारोबार विशेषज्ञ ने बताया, ‘आने वाले लगभग 50 दिनों में कोई भी बड़ी फिल्म रिलीज नहीं हो रही है। इससे दो दर्जन से अधिक बड़ी मल्टीप्लेक्स शृंखलाओं को महीने दर महीने के आधार पर होने वाली 150 करोड़ रुपये की क माई से हाथ धोना पड़ सकता है।’
पिछले साल भी आईपीएल ने मल्टीप्लेक्स मालिकों को खासा परेशान किया था। उस दौरान बॉलीवुड फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर कुल मिलाकर110 करोड़ रुपये की कमाई की थी, जो साल 2008 में फिल्मों की सबसे कम कमाई थी। इस साल भी मल्टीप्लेक्स मालिकों की पेशानी पर बल पड़े हुए हैं।
वे पहले ही कह रहे हैं कि अप्रैल और मई में आईपीएल होने के कारण इस दौरान कमाई की हालत पतली ही रहेगी। हालांकि पीवीआर सिनेमाज के महाप्रबंधक जयदीप घोष रॉय ने बताया कि मल्टीप्लेक्सों का कारोबार साल में कई बार सुस्त रहता है।
उन्होंने कहा, ‘हम अपने यहां विशेष उत्सवों का आयोजन कर सकते हैं और इसके साथ ही अप्रैल और मई में कई फिल्में आ रही हैं। इस दौरान हॉलीवुड की भी कई फिल्में रिलीज होनी हैं। सालाना कारोबार की बात करे तो हमारे लिए दिसंबर-जनवरी जैसे महीने भी हैं जिनमें हम अच्छी कमाई करते हैं। गजनी और रब ने बना दी जोड़ी में हॉल की कुल क्षमता के 95 फीसदी दर्शक तक आ रहे थे।’
शेमारू इंटरटेनमेंट के निदेशक हिरेन गादा ने बताया, ‘साल 2006-07 से चालू वित्त वर्ष तक होम वीडियो और डीवीडी कारोबार में 10-15 फीसदी की गिरावट आई है। हमें बाजार से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि लोग डीवीडी और होम वीडियो पर खर्च करने के लिए तैयार नहीं हैं, खासतौर पर आने वाले दो महीनों में।’
आने वाले लोकसभा चुनाव और आईपीएल के एक ही समय में होने के कारण विज्ञापन देने वाली कंपनियों ने अपने विज्ञापन बजट को सैट मैक्स और समाचार चैनलों के बीच बांट लिया हैं। मीडिया प्लानिंग कंपनियां भी मान रही हैं कि इससे मनोरंजन चैनलों को लगभग 20 करोड़ रुपये की चपत लग सकती है।
पर्दे पर सन्नाटा
आईपीएल और चुनाव की वजह से ठंडा रहेगा कारोबार
मनोरंजन उद्योग को लगेगी 200 करोड़ रुपये की चपत
मल्टीप्लेक्स कंपनियों को 150 करोड़ रुपये का घाटा
डीवीडी और होम वीडियो कारोबार भी लपेटे में
मनोरंजन चैनलों के हाथों से फिसलेंगे 20 करोड़ रुपये
