लोकसभा चुनावों के दौरान इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के आयोजन पर सरकार और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) खींचतान दूर करने की हरमुमकिन कोशिश में जुटे हैं।
दोनों पक्ष टूर्नामेंट को समय पर कराने के लिए प्रयास कर रहे हैं। बोर्ड भी उस पेशकश पर विचार कर रहा है, जिसके तहत उन शहरों में कम से कम 5 दिन पहले मैच कराने की बात है, जहां लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होने हैं।
दरअसल लाहौर में श्रीलंकाई टीम पर मंगलवार को हुए आतंकी हमलों के बाद आईपीएल पर भी सवाल खड़े होने लगे थे। आईपीएल आयोजकों ने सरकार से खिलाड़ियों के लिए एनएसजी सुरक्षा की मांग कर डाली थी। बदले में गृह मंत्री पी चिदंबरम ने चुनाव के दौरान सुरक्षा मुहैया कराने से साफ इनकार करते हुए आईपीएल को चुनाव बाद के लिए टालने का सुझाव दे दिया।
सूत्रों की मानें, तो इस मसले पर गृह मंत्रालय और बोर्ड के बीच बातचीत चल रही है और मामला सुलझने के पूरे आसार हैं। इसके लिए आईपीएल के कुछ मैचों की तारीखें बदली जा सकती हैं। लेकिन सरकार या बोर्ड की ओर से आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है।
यह बात अलग है कि कुछ टीम मालिक और खिलाड़ी विदेशी खिलाड़ियों के बारे में स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कह पा रहे हैं। तकरीबन 40 विदेशी खिलाड़ियों को इसमें हिस्सा लेना है, लेकिन वे आएंगे या नहीं, किसी को नहीं पता। हां, 5 दिन पहले मैच वाली बात की पुष्टि बोर्ड के सूत्र करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘हमें लगता है कि मतदान से 5 दिन पहले या 2 दिन बाद मतदान कराने में कोई ऐतराज नहीं होना चाहिए।’ गृह सचिव मधुकर गुप्ता ने इस बात की पुष्टि की कि सरकार बीसीसीआई के संपर्क में है और उसने बोर्ड से वैकल्पिक कार्यक्रम तैयार करने के लिए कहा गया है।
उन्होंने कहा, ‘बोर्ड को सीमाओं पर हालात से वाकिफ करा दिया गया है। हमें कल उसकी ओर से जवाब मिलने की उम्मीद है।’
सरकार और आईपीएल समझौते के लिए प्रयासरत
मैचों की तारीखें बदलने पर चल रहा है काम
आईपीएल ने छोड़ दी एनएसजी की मांग
सरकार भी चुनाव के दौरान मैच कराने पर होगी राजी
आईपीएल में दांव पर लगे हैं 1900 करोड़ रुपये से ज्यादा
विदेशी खिलाड़ियों का नजरिया नहीं स्पष्ट
