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ई-सिम के उत्पादन का वैश्विक केंद्र बनेगा भारत

Last Updated- December 12, 2022 | 3:36 AM IST

ऑग्मेंटेड आइडेंटिटी और सिम (सबस्क्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल) कार्ड बनाने वाली फ्रांस की अग्रणी कंपनी आईडेमिया ने एम्बेडेड सिम विनिर्माण के लिए भारत को एक वैश्विक केंद्र बनाने का निर्णय लिया है। जल्द ही दुनिया भर के कई मोबाइल फोन में एक छोटा हिस्सा भारत में विनिर्मित होगा।
एम्बेडेड सिम (ई-सिम) अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी है जहां एक एकीकृत सर्किट कार्ड को मोबाइल डिवाइस में एम्बेडेड किया जाता है। यह उपभोक्ताओं को भौतिक तौर पर सिम की डिलिवरी के लिए इंतजार किए बिना अपने नेटवर्क को दूर से अथवा एक क्यूआर कोड के जरिये बदलने में समर्थ बनाता है।
करीब 2.3 अरब यूरो के राजस्व के साथ आईडेमिया दुनिया भर में अपनी ई-सिम विनिर्माण इकाई स्थापित कर रही है। कंपनी नोएडा के अपने एक संयंत्र में अपनी 6 करोड़ की वार्षिक क्षमता का करीब 20 फीसदी क्षमता पहले ही स्थापित कर चुकी है। इतना ही नहीं, कंपनी ने इस संयंत्र की क्षमता का विस्तार करने और इसे अपना एक सबसे बड़ा ई-सिम कारखाना बनाने की योजना तैयार की है। कंपनी अनुसंधान एवं विकास के लिए अगले पांच वर्षों तक भारत में हर साल 20 करोड़ यूरो खर्च करने की भी प्रतिबद्धता जताई है।
आईडेमिया के क्षेत्रीय अध्यक्ष (भारत) मैथ्यू फॉक्सटन ने कहा, ‘भारत ई-सिम के लिए हमारा एक सबसे बड़ा विनिर्माण संयंत्र होगा। हम एकमात्र ऐसी कंपनी हैं जो देश में ई-सिम का विनिर्माण शुरू किया है।’ यह पूछे जाने पर कि उन्होंने विनिर्माण के लिए चीन के बजाय भारत को क्यों चुना तो फॉक्सटन ने कहा, ‘भारत के दूरसंचार क्षेत्र में अपनी ऐतिहासिक मौजूदगी के कारण हमने यहां विनिर्माण को प्राथमिकता दी है।’
आईडेमिया ने भारत में स्टैंडर्ड सिम कार्ड के साथ बड़ा दांव लगाया था। फिलहाल वह देश में 60 करोड़ से अधिक सिम का विनिर्माण करती है। यह उसके कुल वैश्विक उत्पादन का करीब 67 फीसदी है और नोएडा में उसका सबसे बड़ा संयंत्र है। कंपनी भारतीय ग्राहकों को 1 अरब से अधिक स्टैंडर्ड सिम कार्ड उपलब्ध कराती है और इस बाजार में उसकी बाजार हिस्सेदारी 40 फीसदी से अधिक है।
भारत का ई-सिम बाजार अभी अपनी शुरुआती अवस्था में है जबकि सभी तीन भारतीय मोबाइल ऑपरेटर अपने ग्राहकों को यह सेवा प्रदान करते हैं। ई-सिम से लैस मोबाइल फोन ब्रांडों में ऐपल (97 फीसदी बाजार हिस्सेदारी का अनुमान), सैमसंग, गूगल और मोटोरोला शामिल हैं। फिलहाल इनके कुछ ही मॉडलों में यह सुविधा उपलब्ध है।
आईडेमिया ने कहा कि किसी भी नए उत्पाद को लेकर हमेशा कुछ प्रतिरोध होता है लेकिन उसमें संभवत: बदलाव होगा। कुल मिलाकर दूरसंचार कंपनियों ने ई-सिम को आक्रामक रूप से आगे नहीं बढ़ाया है क्योंकि इससे उनके ग्राहकों के लिए ऑपरेटरों को बदलना आसान हो जाएगा।
कंपनी ने उम्मीद जताई है कि अगले कुछ वर्षों में करीब 30 फीसदी स्मार्टफोन ई-सिम से लैस होंगे और यह बाजार सालाना 30 फीसदी की दर से वृद्धि दर्ज करेगा। काउंटरपॉइंट के अनुसार, ई-सिम से लैस स्मार्टफोन का वैश्विक बाजार 2018 में 36.4 करोड़ का था जो बढ़कर 2020 में 2 अरब का हो गया। फिलहाल इसके बड़े बाजारों में अमेरिका, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर शामिल हैं। करीब 5,000 कर्मचारियों के साथ भारत में आईडेमिया का वैश्विक आरऐंडडी केंद्र भी है। वह आधार सहित कुछ प्रमुख परियोजनाओं पर भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है।

First Published - June 16, 2021 | 11:27 PM IST

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