मंदी के कारण कितनी ही कं पनियों की विकास दर इकाई के आंकड़ों में पहुंच गई हैं। लेकिन देश भर में हो रहे साइबर गुनाहों में 15 फीसदी की सालाना दर से इजाफा हो रहा है।
इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (सीईआरटी-इंडिया) के महानिदेशक गुलशन राय ने बताया कि इसमें कई मामले ऐसे हैं जिनमें पहले इस्तेमाल किए गए तरीकों को दोबारा अपनाया गया है। इनमें संस्थानों में वाइरस भेजना, साइबर फ्रॉड जैसे मामले काफी बढ़ रहे हैं।
उन्होंने बताया, ‘सिमनटेक की रिपार्ट के अनुसार दुनिया भर के ईमेल ट्रैफिक में स्पैम मेल की हिस्सेदारी 80 फीसदी होती है। भारत के हालात भी इससे अलग नहीं हैं।’
उन्होंने कहा, ‘तकनीक आधारित मानकों से साफ पता चलता है कि देश में एक महीने के दौरान निजी कंप्यूटरों में आने वाले वायरस के आंकड़ों में 17 फीसदी का इजाफा हुआ है। जबकि साल 2001 में यह एक फीसदी की दर से बढ़ रहा था। हर रोज कम से कम 350 कंप्यूटरों में वायरस लगता है।’
राय ने बताया कि भारतीय बैंकों में भी फिशिंग के मामले बड़ी तेजी से बढ़ रहे हैं। हर रोज कम से कम 7-8 ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। इनमें से ज्यादातर मामले वित्तीय साइबर धोखेबाजी से जुड़े हैं।
उन्होंने कहा, ‘अपनी साइबर सुरक्षा बढ़ाने के लिए हमें लोगों को तकनीक से रूबरू कराना होगा। इसके लिए हम अपने लोगों को देश में और अमेरिका जैसे देशों के साथ मिलकर भी प्रशिक्षण दे रहे हैं।’