पेरिस मुख्यालय वाले कैपजेमिनाई ग्रुप (Capgemini Group) के मुख्य कार्य अधिकारी एमान इज्जत के लिए मौजूदा दौर पिछले छह से सात साल के मुकाबले ज्यादा रोमांचक है।
अपनी हालिया भारत यात्रा के दौरान उन्होंने शिवानी शिंदे को बताया कि इसकी दो वजह हैं। पहली, आईटी सेवा कंपनियां अब ग्राहक संगठनों में ज्यादा नजर आ रही हैं। ग्राहकों के साथ साझेदारी ज्यादा रणनीतिक और अभिन्न है।
दूसरी, तकनीक का विकास और कारोबारों के साथ उसका संयोजन के कारण उन्हें तकनीक की अपनी यात्रा में साझेदार तलाश करने पड़ रहे हैं। उन्होंने जेन एआई (Gen AI) से जुड़े हल्ले, भारत की प्रतिभा और वैश्विक कारोबार में सुधार के बारे में भी बात की। प्रमुख अंश …
-साल की पहली छमाही खत्म हो गई है, अब आप तकनीक पर खर्च को किस तरह देख रहे हैं?
हां, सुधार है। लेकिन सुधार की रफ्तार धीमी है और साल की शुरुआत जैसी ही है। हमने कहा था कि हम ऊंची एग्जिट रेट हासिल करेंगे और हम इस पर कायम हैं। भौगोलिक लिहाज से अमेरिका की तुलना में यूरोप ज्यादा मजबूत रहा है।
पिछले साल अमेरिका में लागत में कमी पर ज्यादा ध्यान दिया गया था। इसकी वजह यह कि तकनीक के बिल बढ़ गए हैं, श्रम लागत बढ़ गई है, क्लाउड और सास की खपत बढ़ गई है और इस तरह कीमत भी बढ़ गई है। साल 2021 और 2022 में भारी खर्च की वजह से ग्राहकों के तकनीक के बिल बढ़ गए हैं और अब वे इसे दुरुस्त करना चाहते हैं।
-क्या यह मान लेना सही होगा कि सुधार होने पर विवेकाधीन खर्च की भी वापसी होगी?
नहीं। ग्राहक तकनीक का और ज्यादा असर देखना चाहता है। सभी उद्योगों में परिचालन लागत के हिस्से के रूप में तकनीक पर खर्च बढ़ रहा है। यह ज्यादा दिखाई भी दे रहा है और ग्राहक के कारोबार के सभी अन्य लागत आधारों की तुलना में तेजी से बढ़ रहा है।
इसलिए अब ध्यान इस बात पर है कि उन्हें क्या मूल्य मिल रहा है? जब हम अपनो सौदों के प्रस्तावों को देखते हैं तो पता चलता है विवेक के तहत होने वाला खर्च स्थिर है, लेकिन बड़े सौदों में बहुत वृद्धि हुई है क्योंकि ग्राहक की नजर तकनीक के वास्तविक असर पर है और वे परिणाम को देखना चाहते हैं।
-ग्राहक के खर्च के लिए एआई और जेनएआई कितनी महत्वपूर्ण है?
इसने निश्चित रूप से काफी ध्यान आकर्षित किया है। एआई नई नहीं है, लेकिन जेनएआई नई है। जेनएआई की मौजूदगी से पहले ही हमारे पास 30,000 से ज्यादा लोग डेटा और एआई पर काम कर रहे थे। ग्राहक अब समझ रहे हैं कि जेनएआई अब भी काफी जटिल है और जैसा कि एआई का इस्तेमाल करते समय हुआ था, उन्हें जेनएआई अपनाने में भी थोड़ा-थोड़ा करके आगे बढ़ने की जरूरत है।
जेनएआई (Gen AI) को भी कुछ ज्यादा ही प्रचार मिला है, खास तौर पर उत्पादकता और लागत में कटौती को लेकर। लेकिन असल में ऐसा नहीं हो रहा है। एआई की ही तरह जेनएआई को भी प्रक्रियाओं में, इसके इस्तेमाल के मामले दर मामले में, फिर मूल्यांकन आदि में बदलाव की जरूरत है। यह कोई बहुत बड़ी बात नहीं है। अच्छा है कि जेनएआई को लेकर हल्ला कम हो गया है और अब हम वाकई काम पर लग सकते हैं।
-कैपजेमिनाई ने पिछले साल एआई/जेनएआई में दो अरब यूरो के निवेश का ऐलान किया था। उस संबंध में क्या प्रगति है?
यह काम प्रगति पर है। इसका बहुत कुछ हिस्सा हमारे डेटा और एआई क्षमता दोगुनी करने से जुड़ा हुआ है। इसका मतलब यह है कि अधिकांश निवेश प्रतिभा पर हो रहा है। कुछ लोग जेनएआई पर प्रशिक्षण ले रहे हैं तो कुछ अन्य टूल बनाने, संपत्ति बनाने, प्लेटफॉर्म वगैरह पर। चूंकि हमारे आधे प्रतिभावान लोग भारत में हैं, इसलिए काफी सारी प्रगति भारत में ही होने वाली है।