देश के ज्यादातर बिजनेस स्कूलों मे इस बार प्लेसमेंट के दौरान बैंकिंग और फाइनैंस जैसे पारंपरिक क्षेत्रों की कंपनियों की दिलचस्पी काफी कम दिख रही है। वहीं दवा और स्वास्थ्य क्षेत्र की कंपनियां इस बार प्रमुख रोजगार प्रदाताओं के रूप में उभर कर सामने आई हैं।
अबॉट, पीरामल और बायर इंडिया जैसी कंपनियों ने केजे सोमैया इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, मुंबई का दौरा किया है। केजे सोमैया के प्लेसमेंट समन्वयक एनडी शर्मा ने कहा, ‘दवा कंपनियां विपणन, मानव संसाधन और फाइनैंस के लिए बिजनेस स्कूलों से छात्रो को नौकरी पर रख रही हैं। दूसरी ओर मौजूदा मंदी से अन्य क्षेत्रों की तुलना में दवा कंपनियों पर ज्यादा नकारात्मक असर नहीं पड़ा है, इसलिए वे भर्ती प्रक्रिया को आसानी से अंजाम दे सकती हैं।’
इस संस्थान में लगभग 350 कंपनियों ने प्लेसमेंट के लिए अपनी दिलचस्पी दिखाई है। इनमें से 10 फीसदी कंपनियां दवा और स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं। एक-तिहाई (लगभग 100) छात्रों को इस क्षेत्र की 30 कंपनियों से ऑफर मिले हैं। पूरे बैच के छात्रों की संख्या लगभग 294 है।
निरमा इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट (एनआईएम), अहमदाबाद के चेयरमैन (प्लेसमेंट) सुशील बहल कहते हैं कि दवा क्षेत्र और निर्माण क्षेत्र मंदी के बावजूद अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
बहल ने कहा, ‘बेहतर प्रदर्शन के साथ दवा कंपनियां मौजूदा मंदी के दौर में एक क्षमतावान नियोक्ता के रूप में उभर कर सामने आ रही हैं। हम कैम्पस में दवा कंपनियों की संख्या में इजाफा देख रहे हैं। अहमदाबाद की कैडिला फार्मा और जाइडस गु्रप जैसी प्रमुख कंपनियों ने भर्ती के लिए हमारे संस्थान का दौरा किया है। अभी और दवा कंपनियों के यहां आने की उम्मीद है।’
इस साल एनआईएम के करीब 120 छात्र प्लेसमेंट में भाग ले रहे हैं। इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी), हैदराबाद में भी इस बार इसी तरह का रुझान देखने को मिला है। इस संस्थान में दवा और निर्माण क्षेत्र की कंपनियां भर्ती के लिए बढ़-चढ़ कर भाग ले रही हैं।
आईएसबी के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस साल छात्रों की भर्ती के लिए लाइफस्टाइल क्षेत्र की कंपनियां प्रमुखता से शिरकत कर रही हैं। पिछले साल कुल 657 ऑफरों में से 31 ऑफर हेल्थकेयर, फार्मा और बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्र की कंपनियों द्वारा दिए गए थे। संस्थान को इस बार इस संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है।
