देश में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवा प्रदाता कंपनियों द्वारा अपने परिचालन में फ्रेशरों यानी नौसिखुओं की संख्या बढ़ाए जाने की संभावना है, क्योंकि उनके कार्य बल में वरिष्ठ कर्मचारियों का प्रतिशत हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ा है जिससे उन्हें ऊंची लागत का सामना करना पड़ रहा है। यह मौजूदा हालात में बेहद जरूरी भी हो गया है, क्योंकि कंपनियां अपनी लागत घटाने और मांग सुधारने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही हैं।
इस उद्योग की मजबूती की वजह से कुछ बड़ी आईटी कंपनियों में कर्मचारियों का स्तर काफी बदला है। उदाहरण के लिए, इन्फोसिस में 30 साल से कम उम्र के कर्मचारियों का औसत अनुपात एक दशक पहले 82 प्रतिशत था जो अब घटकर 57.7 प्रतिशत रह गया है। इसी तरह की स्थिति टीसीएस के साथ है, जिसके लिए 30 साल से कम उम्र के कर्मचारियों की भागीदारी भारत में अभी 52 प्रतिशत पर है।
सीआईईएल एचआर सर्विसेज के निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी आदित्य नारायणा मिश्रा ने कहा, ‘चूंकि आईटी कंपनियों तेजी से मजबूत हुई हैं, इसलिए उनमें मध्यम एवं वरिष्ठ स्तर के प्रबंधकों (जिन्होंने अपना पूरा करियर इन कंपनियों में बिताया है) का औसत एज-प्रोफाइल भी बढ़ा है। इसके अलावा, पिछले 10 वर्षों के दौरान स्वचालन, अनुकूल प्रौद्योगिकियों आदि की वजह से प्रति परियोजना के लिए जरूरी लोगों की संख्या भी करीब 50 प्रतिशत तक घटी है।’
इस उद्यो के जानकारों का कहना है कि कई कंपनियां फ्रेशर और अनुभवी कर्मियों का अनुकूल संतुलन बनाए जाने की संभावना तलाश रही हैं जिससे कि कुल पारिश्रमिक खर्च में कमी लाई जा सके और परिचालन मार्जिन लाभ में सुधार लाया जा सके। इससे कोविड-संबंधित समस्याओं के बावजूद फ्रेशरों की नियुक्तियों में तेजी आने की संभावना है।
टीसीएस ने कहा था किकोविड-19 महामारी की वजह से पैदा हुईं समस्याओं के बावजूद जून में समाप्त तिमाही में कंपनी मौजूदा वित्त वष के लिए विभिन्न कैम्पस से 40,000 फ्रेशरों की नियुक्ति करेगी।
टीसीएस के कार्यकारी उपाध्यक्ष एवं वैश्विक एचआर प्रमुख मिलिंद लक्कड ने कहा, ‘निचले सिरे से तैयार होने के लिए हमारी मुख्य रणनीति में बदलाव नहीं आया है। 40,000 का आंकड़ा (भारत में) 35,000 या 45,000 भी हो सकता है, यह हमारे द्वारा लिया जाने वाला महत्वपूर्ण निर्णय होगा।’ टाटा समूह की कंपनी ने पिछले साल भी समान संख्या में नियुक्तियां की थीं। इसी तरह, इन्फोसिस भी वित्त वर्ष 2021 में करीब 35,000 नियुक्तियां कर रही है, जिनमें से 20,000 फ्रेशर होंगे।
बीओबी कैपिटल मार्केट्स में सहायक उपाध्यक्ष रुचि बुर्डे ने कहा, ‘फ्रेशरों की नियुक्ति पर ध्यान देना बचत के लिहाज से मुख्य कारक है। कर्मचारी स्तर में बदलाव लाना इन्फोसिस जैसी कंपनियों के लिए मुख्य लक्ष्यों में से एक बन गया है। यदि कोई कंपनी किसी ग्राहक के साथ पांच साल का अनुबंध करती है तो सेवा प्रदाता का मकसद कुशल क्रियान्वयन पर बना रहेगा। यदि कंपनी उस अनुबंध में अनुभवी कर्मचारी के बजाय प्रशिक्षित फ्रेशर को लगाती है तो मार्जिन बेहतर होगा।’
