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…और पब्लिक सेक्टर मांगे 100 फीसदी बढ़ोतरी

Last Updated- December 05, 2022 | 5:04 PM IST

सार्वजनिक क्षेत्र की केंद्रीय कंपनियों में काम कर रहे करीब 16 लाख कर्मचारियों ने सौ फीसदी सेलरी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।


उनका कहना है कि छठे वेतन आयोग द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में 40 फीसदी का इजाफा करना ‘मूंगफली’ के समान है।स्टैंडिंग कांफ्रेंस ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजो (स्कोप), एक संस्था जो सार्वजनिक क्षेत्र के सभी उद्यमों का प्रतिनिधित्व करती है, के डॉयरेक्टर जनरल एस.एम. दीवान ने बताया,”व्यापारिक संस्थाओं का हित सरकारी कर्मचारियों के हितों से बिल्कुल अलग हैं।


निजी क्षेत्र की कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों को उनके काम के अनुसार ही सेलरी दी जाती है।” एक आंकड़े के मुताबिक साल 2006-07 में 244 सार्वजनिक क्षेत्र की केंद्रीय कंपनियों को 80,000 रुपये से भी ज्यादा का मुनाफा हुआ था। केंद्र सरकार द्वारा साल 2006 में सार्वजनिक क्षेत्र की केंद्रीय कंपनियों के प्रबंधकर्ताओं के लिए पे रिवीजन कमिटी बनाई गई थी।


इस कमिटी के अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एमजे राव कर रहे थे। हालांकि स्कोप ने पहले ही कमिटी के सामने आपना पक्ष रख दिया था और यह उम्मीद की जा रही थी कि वे एक महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश कर देंगे। गौरतलब है कि सार्वजनिक क्षेत्रों के कर्मचारियों की सेलरी में बढ़ोतरी आखिरी बार 1997 में की गई थी और इसे अगले रिवीजन 1 जनवरी, 2007 तक निर्धारित किया जाएगा।


एसोसिएशन ऑफ सांटिफिक के अध्यक्ष और तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के तकनीकी अधिकारी संजय गोयल ने बताया,”छठे वेतन आयोग में केंद्रीय कर्मचारियों की सेलरी में 40 फीसदी की बढ़ोतरी मूंगफली के समान है। देश के नवरत्न कंपनियों के कर्मचारियों को कुल मासिक सेलरी कम से कम 1.5 लाख होना चाहिए।” इस वक्त ओएनजीसी के कर्मचारी की औसत मासिक सेलरी 40,000 से 50,000 के बीच है।

First Published - March 26, 2008 | 1:02 AM IST

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