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Gen-AI के आगे पुराना पड़ रहा IT कारोबारी मॉडल: HCL Tech के सी विजयकुमार

सी विजयकुमार ने कहा है कि जेनरेटिव आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (जेन-एआई) जैसी नई प्रौद्योगिकी इस कारोबारी मॉडल में व्यवधान डाल रही है।

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अविक दास   
Last Updated- February 24, 2025 | 11:04 PM IST

राजस्व और ज्यादा कर्मचारी जोड़ने के संबंधों पर आधारित भारत का आईटी सेवा उद्योग पुराना हो गया है और उसे बदलने की जरूरत है। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवा कंपनी एचसीएल टेक के मुख्य कार्य अधिकारी सी विजयकुमार ने कहा है कि जेनरेटिव आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (जेन-एआई) जैसी नई प्रौद्योगिकी इस कारोबारी मॉडल में व्यवधान डाल रही है।

जेन-एआई से दशकों से चले आ रहे मॉडल के खत्म होने के आसार हो गए हैं, जिसका मुख्य तौर पर बड़े आईटी बुनियादी ढांचे के परिचालन समर्थन और रखरखाव के लिए उपयोग किया जाता है। मुंबई में आयोजित नैसकॉम टेक्नोलॉजी लीडरशिप कॉन्फ्रेंस में विजयकुमार ने कहा, ‘उस मॉडल का समय खत्म हो चुका है।’ अब ग्राहकों का लक्ष्य मौजूदा कर्मचारियों की आधी संख्या के साथ राजस्व दोगुना करने का है।

बाद में बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, ‘पिछले 30 वर्षों में राजस्व वृद्धि काफी एकसमान रही है। इसलिए इसमें बदलाव शुरू करना चाहिए। अधिक इनपुट और लोगों की बढ़ी संख्या के बजाय अधिक आउटपुट और बेहतर परिणाम मिलने चाहिए। साथ ही कर्मचारी आधारित से प्लेटफॉर्म सेवाओं की तरफ बदलाव होना चाहिए। सेवाओं के बदले आईपी से जुड़ा समाधान होना चाहिए क्योंकि जेन-एआई उत्पादकता की कई सारी संभावनाएं दिखा रहा है।’

विजयकुमार ने समझाया कि एक दशक पहले तक चर्चा का मुख्य विषय रहने वाले क्लाउड और डिजिटलीकरण के विपरीत अब एआई से जुड़ी बातचीत हो रही है। उन्होंने कहा, ‘एआई जिन बदलावों को करने जा रहा है वे काफी अलग हैं और हमें पूरी तरह से नया कारोबार बनाने के लिए अपने राजस्व को वर्गीकृत करना जरूरी है और इसके लिए काफी सक्रिय भी होना होगा।’विश्लेषकों और जानकारों का कहना है कि आईटी सेवा कंपनियों में अब राजस्व वृद्धि और कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि अब एक जैसी नहीं रहेगी और एचसीएल टेक के मुख्य कार्य अधिकारी की यह टिप्पणी उस बदलाव के बारे में स्पष्ट संकेत है।

उन्होंने कहा, ‘यह अलग-अलग होंगी और यह अगले कुछ वर्षों में और भी ज्यादा स्पष्ट हो जाएगा।’ शीर्ष पांच आईटी कंपनियों में दिसंबर तिमाही में 2,587 कर्मचारी कम हो गए जबकि उससे एक तिमाही पहले 15,000 कर्मचारी बढ़े थे। विजयकुमार ने कहा कि इस बदलाव का मतलब यह भी है कि कौशल की नियुक्ति में भी बदलाव होगा।

उन्होंने कहा, ‘हम शुरुआती स्तर पर बड़ी संख्या में लोगों को रखेंगे मगर इसके लिए खास कौशल वालों को तरजीह दी जाएगी। मगर उनसे अपेक्षाएं भी काफी अधिक रहेंगी। हमें उन्हें काफी प्रशिक्षण देना पड़ेगा और उन्हें सिमुलेशन के जरिये सिखाना होगा ताकि वे सिर्फ कोड लिखने के बजाय कोडिंग असिस्टेंट द्वारा लिखे गए कोड को सत्यापित कर सकें। हम जो करते हैं उससे ज्यादा ऑटोमेशन जेन-एआई देता है।’

सॉफ्टवेयर सेवाओं के लिए कोई लगभग 30 फीसदी ऑटोमेशन हासिल कर सकता है। बीपीओ में यह लगभग 40 से 50 फीसदी है और आईटी परिचालन के लिए यह आपको 10 से 12 फीसदी अधिक देता है। उन्होंने कहा, ‘हम बाहर से भी भर्तियां करेंगे और, खास कौशल वाले करीब 100 से 200 लोगों की तलाश करेंगे।’ विजयकुमार ने कहा कि भारत को दूसरे देशों पर निर्भरता कम करने के लिए अपने खुद के लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) तैयार करना चाहिए।

First Published : February 24, 2025 | 11:04 PM IST