वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में ऐपल के आईफोन का निर्यात शानदार रहा है। देश में इस अवधि के दौरान भारत में कंपनी के कुल फ्रेट ऑन बोर्ड (एफओबी) मूल्य उत्पादन में आईफोन की हिस्सेदारी 79 प्रतिशत रही है। ऐपल के वेंडरों ने सरकार को जो आंकड़े दिए हैं उनमें यह बात सामने आई है।
इस उपलब्धि के साथ ऐपल उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के अंतर्गत सरकार से किया वादा पूरा करने के करीब पहुंच गई है। इस वादे के तहत फोन के एफओबी मूल्य का 81 प्रतिशत हिस्से का निर्यात पीएलआई योजना के 5वें या अंतिम वर्ष (2025-26) के अंत तक निर्यात किया जाना है। वित्त वर्ष 2023-24 में आईफोन का निर्यात इसके उत्पादन मूल्य का 73 प्रतिशत रहा था।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 3 अरब डॉलर मूल्य के फोन का निर्यात किया था। पहली तिमाही के आंकड़े भारत से एक तिमाही में किसी कंपनी द्वारा मोबाइल फोन या किसी एकल ब्रांड के उपभोक्ता उत्पाद के निर्यात के लिहाज से सर्वाधिक है। ऐपल के प्रवक्ता से जब इस बारे में संपर्क साधा गया तो उन्होंने कुछ कहने से मना कर दिया।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आईफोन का निर्यात पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक रहा है। ऐपल के तीन वेंडरों फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉन और विस्ट्रॉन (अब टाटा) ने निर्यात के अपना योगदान दिया है। ये तीनों ही कंपनियां स्मार्टफोन पीएलआई योजना में शिरकत कर रही हैं। आईफोन के कुल निर्यात में फॉक्सकॉन की हिस्सेदारी 62 प्रतिशत रही है और इसके बाद विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन की हिस्सेदारी क्रमशः 27 प्रतिशत और 11 प्रतिशत रही है।