बीएस बातचीत
स्वास्थ्य बीमा कंपनी स्टार हेल्थ ऐंड अलायड इंश्योरेंस आईपीओ के जरिये 7,249 करोड़ रुपये जुटाने की संभावना तलाश रही है और उसने इसका कीमत दायरा 870-900 रुपये तय किया है। यह शेयर बाजारों पर सूचीबद्घ होने वाली चौथी गैर-जीवन बीमा और सातवीं जीवन बीमा कंपनी होगी। इससे पहले बीमा कंपनी के प्रबंध निदेशकों डॉ. एस प्रकाश और आनंद रॉय ने कंपनी के प्रदर्शन, व्यावसायिक योजनाओं और स्वास्थ्य बीमा बाजार के बारे में सुब्रत पांडा के साथ विस्तार से बातचीत की। मुख्य अंश:
पेटीएम और जोमैटो के बाद यह वर्ष का तीसरा सबसे बड़ा आईपीओ होगा। पेटीएम की कमजोर सूचीबद्घता के बाद क्या कुछ चिंताएं बरकरार हैं?
एस प्रकाश: हमारे पास विविध बिजनेस मॉडल है, हम एक अलग उद्योग से हैं, इसलिए इसकी तुलना नहीं की जा सकेगी। हमारा मूल्यांकन निवेश बैंकरों के समूह द्वारा किए गए हमारे प्रदर्शन के बुनियादी विश्लेषण और निवेशकों (घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय) के साथ चर्चाओं पर आधारित है। निवेशक हमारे पिछले रिकॉर्ड, हमारी परियोजनाएं देखते हैं और हमारे प्रतिस्पर्धियों के साथ तुलना करते हैं।
आनंद रॉय: हमें भरोसा है कि ग्राहक और संभावित निवेशक भारतीय संदर्भ में आज के समय में स्वास्थ्य बीमा का महत्व नहीं समझते हैं। हम इस सेगमेंट में सबसे बड़ी प्रमुख हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी हैं और हमने हाल के वर्षों में अपने ग्राहकों को अच्छी सेवाएं दी हैं। भले ही आईपीओ प्रदर्शन के मामले में हाल में जो भी हुआ हो, लेकिन स्टार हेल्थ को संभावित निवेशकों द्वारा सकारात्मक नजरिये से देखा जाएगा।
ऊंचे दावों की वजह से आपका मुनाफा, संयुक्त अनुपात, और सॉल्वेंसी पर प्रभाव पड़ा है। आप कितना जल्द इसमें सुधार की उम्मीद कर रहे हैं?
एस प्रकाश: चूंकि हम कोविड-19 संबंधित खर्च को एकबारगी घटनाक्रम के तौर पर देखते हैं, इसलिए स्वाभाविक तौर पर जिस वजह से मुनाफे और कंपनी के बहीखाते को नुकसान पहुंचा, वह एक बार की समस्या होनी चाहिए। नया ऑफर सिर्फ आगामी सॉल्वेंसी जरूरतों को ध्यान में रखने के लिए है। पूरी 2,000 करोड़ रुपये की राशि हमारे सॉल्वेंसी अनुपात को मजबूत बनाने में मददगार होगी।
आनंद: हम तीसरी और चौथी तिमाही में व्यावसायिक वृद्घि में लगातार सुधार और क्लेम अनुपात नियंत्रित होने की उम्मीद करेंगे।
क्या आप मानते हैं कि स्वास्थ्य बीमा खंड में वृद्घि टिकाऊ है या फिर कोविड का डर दूर होने के बाद यह कमजोर पड़ जाएगी?
एस प्रकाश: महामारी ने इस देश के नागरिकों को संकेत दिया है कि हेल्थकेयर खर्च काफी महंगे हैं। इसलिए, स्वाभाविक तौर पर मांग पर महामारी का प्रभाव बना रह सकता है। महामारी के दौरान समस्याएं आई थीं और हमने बीमा क्षेत्र में अच्छी वृद्घि दर्ज की थी। भविष्य में, वृद्घि की रफ्तार बहुत तेज नहीं रह सकती है, जितनी कि यह पहली लहर या दूसरी लहर के दौरान थी।
कोविड क्लेम में मौजूदा ट्रेंड क्या है और अब तक आपने कितनी राशि खर्च की है?
एस प्रकाश: बाद में, कोविड संबंधित दावे काफी कम हो गए हैं। महामारी के चरम स्तर के दौरान हमारे क्लेम का इस्तेमाल प्रतिशत 50 से ज्यादा हो गया था। लेकिन अब यह महज कुल क्लेम संख्या का 4-5 प्रतिशत रह गया है।
क्या आप अपना गु्रप हेल्थ व्यवसाय बढ़ाना चाहेंगे?
आनंद: गु्रप हेल्थ वाकई हमारे पोर्टफोलियो में बड़ा हिस्सा है और यह करीब 10-12 प्रतिशत है। हम समूह व्यवसाय में चयन पर केंद्रित हैं, क्योंकि हम बड़े कॉरपोरेट घरानों पर ज्यादा केंद्रित नहीं हैं। हम मझोले आकार की कंपनियों और एसएमई सेगमेंट पर केंद्रित हैं। इनका हमारे समूह पोर्टफोलियो में 50 प्रतिशत से ज्यादा योगदान है।
आप मुख्य तौर पर एजेंसी कर्मियों पर निर्भर करते हैं। क्या आप अपनी वितरण रणनीति में बदलाव की योजना हैं?
आनंद: हमारे पास मुख्य बिजनेस मॉडल के तौर पर एजेंसी होगी, लेकिन हम बैंक इंश्योरेंस और डिजिटल सेल पर भी ध्यान देंगे। हालांकि हम फिलहाल बैंकएश्योरेंस में दूसरों से थोड़ा पीछे हैं।