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Interview: लेबर सरकार मददगार, बेहतर भविष्य की है उसकी इच्छा, Tata Steel के MD ने बताई ब्रिटेन की रणनीति

'हम पहली तिमाही में करीब 68 लाख टन वार्षिक उत्पादन के स्तर पर काम कर रहे थे। हमारा लक्ष्य इसे 70 लाख टन तक ले जाना है।'

Last Updated- August 04, 2024 | 10:38 PM IST
Tata Steel CEO T V Narendran

टाटा स्टील और ब्रिटेन की नवनिर्वाचित लेबर सरकार हरित इस्पात की दिशा में बढ़ने के लिए अनुदान पर बातचीत कर रही है। कंजरवेटिव सरकार के साथ बनी सहमति से आगे व्यावहारिक कारोबारी मामला टटोला जा रहा है। टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी टीवी नरेंद्रन ने ईशिता आयान दत्त के साथ बातचीत में ब्रिटेन की रणनीति से लेकर खनिज कर पर हाल में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के संभावित असर के मसलों पर चर्चा की।
प्रमुख अंश …

डच परिचालन सामान्य हो गया है, लेकिन ब्रिटेन में एबिटा घाटा जारी है। यूरोप के बारे में क्या दृष्टिकोण है?

नीदरलैंड में परिचालन स्थिर होता रहेगा और परिचालन के लिहाज से बेहतर होगा। हम पहली तिमाही में करीब 68 लाख टन वार्षिक उत्पादन के स्तर पर काम कर रहे थे। हमारा लक्ष्य इसे 70 लाख टन तक ले जाना है। साथ ही लागत निकालने के लिए कई पहल की जा रही हैं ताकि हम नीदरलैंड में परिचालन को वापस वहीं ला सकें, जिस स्तर पर वे थे। आम तौर पर वे यूरोपीय इस्पात उद्योग में वे शीर्ष पर रहते आए हैं। ब्रिटेन में पहली और दूसरी तिमाही में घाटे के बाद हम बेहतर हालत देखेंगे क्योंकि सितंबर के आखिर तक सभी भारी-भरकम परिसंपत्तियां बंद की जा चुकी होंगी। इसलिए टाटा स्टील यूरोप के मामले में दूसरी छमाही पहली छमाही से बेहतर रहनी चाहिए।

टाटा स्टील ने पहले कहा था कि इस बदलाव से ब्रिटेन में 2,800 नौकरियों पर असर पड़ने की संभावना है। लेबर सरकार के ‘नौकरी की गारंटी’ के लक्ष्य की वजह से क्या यह संख्या कम हो सकती है?

सरकार मददगार है और वह बेहतर भविष्य चाहती है। वे (सरकार) पूछ रहे हैं कि क्या हम सरकार के समर्थन से और इकाइयों लाना चाहेंगे। अगर हम कुछ डाउनस्ट्रीम में निवेश कर सकते हैं तो कुछ और नौकरियों सृजित या सुरक्षित करने का यह एक तरीका हो सकता है। हमारी योजना में कोई बड़ा बदलाव नहीं है लेकिन हम बातचीत कर रहे हैं कि क्या कोई और ऐसा विचार है जिस पर विचाक किया जा सकता है।

हमारे दृष्टिकोण से स्वाभाविक नौकरी छोड़ने की वजह से यह संख्या (प्रभावित नौकरियों की) घटकर 2,600 पर आ गई होगी। हमारे पास 1,700 से 1,800 के बीच ऐसे लोग हैं जो स्वैच्छिक छंटनी योजना में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। इसलिए कितने लोगों को जाने की जरूरत है और कितने लोग जाने के लिए तैयार हैं, के बीच अंतर कम हो गया है। हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और हम इसे बेहतरीन तरीके से करने की भी कोशिश कर रहे हैं।

क्या इसका मतलब यह है कि ब्रिटेन सरकार के 50 करोड़ पाउंड के अनुदान को लेकर कोई जोखिम नहीं है?

हम इसे दो भागों में बांट रहे हैं। एक है इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस (ईएएफ) के लिए अनुदान करार। इसके अलावा अगर कुछ और है तो उस पर अलग से बातचीत होगी। इस लिहाज से कोई जोखिम नहीं है। अगर कोई अनुदान-वित्तीय सहायता करार नहीं होता है, तो कोई ईएएफ नहीं होगा। ऐसा कोई नहीं चाहता।

क्या ब्रिटेन में ज्यादा निवेश के आसार हैं?

लेबर सरकार ने कहा है कि 3 अरब पाउंड की राशि उपलब्ध है। इसमें से 50 करोड़ पाउंड हमें मिल रहे हैं। वे कह रहे हैं कि अगर आप और ज्यादा चाहते हैं तो प्रस्ताव लेकर आएं और हमें आपकी मदद करने में प्रसन्न होंगे। लेकिन यह हमारे और उनके लिए व्यावहारिक प्रस्ताव होना चाहिए। हम अगले कुछ महीने में दूसरे चरण का आकलन करेंगे और अगर कोई कारोबारी मामला होगा तो हम इस पर विचार करेंगे।

आपके विचार से अनुदान-वित्तीय सहायता का यह करार कब तक अमल में आ जाएगा?

इस करार को अंतिम रूप दे दिया गया है या बातचीत की जा चुकी है। हमें उम्मीद है कि इस तिमाही के दौरान हमारे पास ‘सैद्धांतिक करार’ होगा।

First Published - August 4, 2024 | 10:37 PM IST

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