इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (आईसीएआई) द्वारा अगले छह महीनों के भीतर इंडसइंड और जेनसोल इंजीनियरिंग की प्रारंभिक समीक्षा पूरी किए जाने की संभावना है। आईसीएआई के अध्यक्ष चरणजोत सिंह नंदा ने बुधवार को संवाददाताओं को यह जानकारी दी। नंदा ने इस महीने के अंत में नई दिल्ली, अहमदाबाद (गिफ्ट सिटी), मुंबई और हैदराबाद में आईसीएआई की ओर से आयोजित वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) शिखर सम्मेलन की सीरीज की भी घोषणा की।
हाल में आईसीएआई के फाइनैंशियल रिपोर्टिंग ऐंड रिव्यू बोर्ड (एफआरआरबी) ने वित्त वर्षों 2023-24 और 2024-25 के लिए इंडसइंड बैंक की वैधानिक ऑडिट रिपोर्टों और वित्तीय विवरणों की समीक्षा का काम हाथ में लिया है। बोर्ड 2023-24 के वित्त वर्ष के लिए जेनसोल इंजीनियरिंग ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड की भी अपनी तरफ से जांच कर रहा है।
एफआरआरबी अनुशासन समिति को इस बारे में अपनी सिफारिशें देगा कि क्या पेशेवरों के खिलाफ आगे की कार्रवाई करने की जरूरत है। एफआरआरबी विभिन्न लागू कानूनों, अकाउंटिंग स्टैंडर्ड और ऑडिटिंग पर मानकों की रिपोर्टिंग आवश्यकताओं के अनुपालन की समीक्षा करता है।
भारतीय बिग फोर सलाहकार फर्म की स्थापना के बारे में नंदा ने कहा कि कुछ फर्मों के विलय या पूरी तरह से एक नई फर्म बनाकर इसे हासिल किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए बहुत अधिक नियामकीय समर्थन की आवश्यकता होगी।
नंदा ने कहा, ‘हमारे पास एक बराबरी का क्षेत्र होना चाहिए और फिर सरकार को भारतीय फर्मों को समर्थन देना होगा। हमारे पास प्रतिभा पूल है और हम इसे प्राप्त करने के लिए पूरी तरह से सक्षम हैं।’
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) और नैशनल स्टॉक एक्सचेंज के साथ मिलकर आईसीएआई कंपनियों में धोखाधड़ी और चूक के शुरुआती संकेतों का पता लगाने की भी कोशिश में लगा हुआ है।
नंदा ने कहा कि आईसीएआई ने भारत को जीसीसी के लिए वैश्विक अकाउंटिंग एवं फाइनैंस हब के तौर पर पहचान दिलाने के लिए एक समूह का गठन किया है। उन्होंने कहा कि भारत में 1,800 से ज्यादा जीसीसी हैं और इनमें संयुक्त रूप से 19 लाख से अधिक पेशेवरों को रोजगार मिल रहा है तथा ये वैश्विक अर्थव्यवस्था में सालाना 64 अरब डॉलर का योगदान दे रहे हैं।