उद्योग

2025 में कच्चे तेल की होगी जरूरत से ज्यादा आपूर्ति

रिपोर्ट के अनुसार, यदि ओपेक+ संगठन मार्च 2025 के अंत से स्वैच्छिक कटौती को समाप्त करना शुरू कर देता है तो यह अतिरिक्त उत्पादन बढ़कर 14 लाख बैरल प्रतिदिन तक पहुंच सकता है।

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शुभायन चक्रवर्ती   
Last Updated- December 14, 2024 | 10:23 AM IST

तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक के कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती के बावजूद वर्ष 2025 में अंतरराष्ट्रीय मार्केट में 9,50,000 बैरल रोजाना की अतिरिक्त आपूर्ति होने के संकेत मिल रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) की दिसंबर की ऑयल मार्केट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, यदि ओपेक+ संगठन मार्च 2025 के अंत से स्वैच्छिक कटौती को समाप्त करना शुरू कर देता है तो यह अतिरिक्त उत्पादन बढ़कर 14 लाख बैरल प्रतिदिन तक पहुंच सकता है।

आईईए ने कहा, ‘ओपेक+ देशों के कच्चे तेल की आपूर्ति के तय रास्ते के लिए एक प्रमुख अनिश्चितता सहमत लक्ष्यों के अनुपालन का स्तर बनी हुई है। हमारे अनुमान के अनुसार, नवंबर में सामूहिक उत्पादन लक्ष्य से 6,80,000 प्रतिदिन अधिक दिखाई देता है।’ नवीनतम अनुमान भारत के लिए अनुकूल हैं, क्योंकि यह अपनी कच्चे तेल की आवश्यकताओं का 85 फीसदी आयात करता है।

बढ़ सकती है आपूर्ति

अगले साल अगर लीबिया, दक्षिण सूडान और सूडान अपने तेल उत्पादन पर कायम रहते हैं और कजाकिस्तान में 2,60,000 बैरल प्रतिदिन का तेंगिज़ फील्ड का विस्तार कार्यरूप लेता है तो ऐसी स्थिति में ओपेक+ देशों का कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ सकता है। आईईए के अनुसार, ‘वैश्विक स्तर पर गैर ओपेक देशों का आपूर्ति वृद्धि पर दबदबा कायम रहेगा।

इस क्रम में अमेरिका, ब्राजील, कनाडा, गुआना और अर्जेंटीना तेल और प्राकृतिक गैस तरल उत्पादन में 11 लाख बैरल प्रतिदिन से ज्यादा की बढ़त कर सकते हैं।

सऊदी अरब की कंपनी अरामको के स्टार्टअप जाफूरा की गैस परियोजना अगले माह शुरू हो जाएगी और इससे सऊदी अरब की एनजीएल आपूर्ति को भी बढ़ावा मिलेगा।’ हालांकि वैश्विक स्तर पर तेल की मांग वर्ष 2025 के लिए सबसे बड़ा सवाल बनी हुई है।

First Published : December 14, 2024 | 10:22 AM IST