हिमाचल प्रदेश की कंपनी स्टील बर्ड हेलमेट्स 350 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश कर रही है ताकि 2032 तक अपनी उत्पादन क्षमता को दोगुना से अधिक कर सके और बढ़ती मांग को पूरा कर सके। कंपनी का लक्ष्य 2030 तक अपनी आय को तीन गुना बढ़ाकर 2,500 करोड़ रुपये तक पहुंचाना है।
स्टील बर्ड अभी अपने बद्दी कारखाने में 10 मिलियन यूनिट्स बनाती है, जिसे 2032 तक 25 मिलियन तक ले जाने की योजना है। इसके अलावा, अगले चार साल में राज्य में एक और नई फैसिलिटी शुरू की जाएगी। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, “इस सेक्टर में अग्रणी कंपनी स्टील बर्ड का लक्ष्य इस साल के अंत तक देश के संगठित हेलमेट बाजार में अपनी हिस्सेदारी 35 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत करना है।” पिछले साल इसने 8 मिलियन हेलमेट बनाए थे। इसलिए बाजार का आकार सालाना लगभग 24-25 मिलियन यूनिट्स का है।
स्टील बर्ड अभी अपने बद्दी यूनिट में 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश कर रही है ताकि अपने उच्च-स्तरीय उत्पादों की बढ़ती मांग को देखते हुए वहां उत्पादन क्षमता को जल्दी से 50 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सके। अगले वित्त वर्ष के अंत तक इस साइट की क्षमता बढ़कर 15 मिलियन हेलमेट प्रति वर्ष हो जाएगी, जो अभी 10 मिलियन यूनिट्स है। इसे 2032 तक और बढ़ाकर 25 मिलियन हेलमेट किया जाएगा।
इसके अलावा, स्टील बर्ड हिमाचल प्रदेश में 22 एकड़ की एक नई फैसिलिटी शुरू कर रही है, जिसमें 200 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश होगा। यह अगले तीन से चार साल में 10-11 मिलियन हेलमेट प्रति वर्ष की अतिरिक्त क्षमता जोड़ेगी।
कंपनी अपने मौजूदा संयंत्रों की उत्पादन क्षमता को भी 105 करोड़ रुपये के निवेश से बढ़ा रही है। स्टील बर्ड के पास आठ यूनिट हैं, जिसमें चार बद्दी (हिमाचल प्रदेश) में और चार नोएडा (उत्तर प्रदेश) में है। इसकी कुल उत्पादन क्षमता 30,000 हेलमेट प्रतिदिन है। कंपनी इसे बढ़ाकर अगले वित्तीय वर्ष तक इसे बढ़ाकर 50,000 हेलमेट प्रतिदिन करने की योजना पर काम कर रही है। स्टील बर्ड हेलमेट्स के प्रबंध निदेशक राजीव कपूर ने कहा, “हम इस साल 800 करोड़ रुपये की आय हासिल करने की राह पर हैं। हमें खास तौर पर उच्च-स्तरीय हेलमेट्स की मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, और हमने अपने बद्दी संयंत्रों में विस्तार को प्राथमिकता दी है।”
उत्पादन विस्तार के साथ-साथ, स्टील बर्ड अपनी रिटेल मौजूदगी बढ़ाने पर भी ध्यान दे रही है। कंपनी अगले दो साल में अपने स्टोर्स को मौजूदा 250 आउटलेट्स से बढ़ाकर 1,000 आउटलेट्स तक ले जाने की योजना बना रही है। भारत में संगठित हेलमेट उद्योग 13.2 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ने की उम्मीद है, जो दोपहिया वाहनों की बढ़ती बिक्री और हेलमेट प्रयोग के सख्त नियमों के चलते है। इस बढ़ोतरी के बावजूद, नकली हेलमेट्स की मौजूदगी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
कपूर ने कहा, “सरकार को सभी राज्यों में सवार और पीछे बैठने वाले दोनों के लिए हेलमेट अनिवार्य करना चाहिए। अभी केवल आठ राज्य और महानगरों में ही नियम लागू हैं।” बता दें कि फिलहाल, नकली हेलमेट्स बाजार का 95 प्रतिशत हिस्सा बनाते हैं।