भारत का समुद्री उत्पादों का निर्यात इस वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में 16.7 प्रतिशत बढ़कर 4.87 अरब डॉलर हो गया। यह वृद्धि मजबूत वैश्विक मांग और एशिया व यूरोप के प्रमुख बाजारों के मजबूत होने के कारण हुई। भारत के लिए झींगा के सबसे बड़े पारंपरिक बाजार अमेरिका में इस अवधि के दौरान निर्यात 7.43 प्रतिशत गिरकर 1.06 अरब डॉलर रह गया।
अधिकारियों के अनुसार अमेरिका के निर्यात में आई गिरावट की भरपाई चीन, वियतनाम, बेल्जियम, जापान, रूस, कनाडा और ब्रिटेन से हो गई। भारत के समुद्री उत्पादों में झींगा और प्रान की मजबूत मांग थी। यह भारत के समुद्री उत्पादों के महत्त्वपूर्ण खंड हैं।
वैश्विक अनिश्चितता और अमेरिका के भारत के उत्पादों पर दो अंकों में शुल्क लगाए जाने के बीच पहले सात महीनों में कुल निर्यात 0.63 प्रतिशत बढ़कर 254 अरब डॉलर हो गया। दरअसल अन्य निर्यात क्षेत्रों जैसे रत्न व आभूषण, प्लास्टिक, कॉटन यार्न, मानव निर्मित यार्न, कालीन, हस्तशिल्प में गिरावट दर्ज हुई। यह प्रभाव अक्टूबर में और खराब हो गया था। इस महीने में निर्यात 11.8 प्रतिशत गिरकर 34.38 अरब डॉलर हो गया था।