स्टील कंपनियां मूल्य श्रृंखला से लेकर गैर-कार्बनीकरण (डीकॉर्बनाइजेशन) और स्थिरता तक के मामले में नई आइडिया और परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकियों के लिए स्टार्टअप कंपनियों का इस्तेमाल कर रही हैं। टाटा स्टील के प्रमुख स्टार्टअप एंगेजमेंट प्रोग्राम – इनोवेंचर पांचवें साल में हैं। स्टार्टअप कंपनियों के साथ इसके वर्तमान कामकाज का लगभग 55 प्रतिशत भाग स्थिरता और गैर-कार्बनीकरण के क्षेत्र पर केंद्रित है।
हालांकि अधिक जोर वाले क्षेत्र उन्नत सामग्री, खनन, वेस्ट एनर्जी रिकवरी और जल उपचार तक फैला हुआ है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्टील विनिर्माता आर्सेलरमित्तल ने गैर-कार्बनीकरण के अपने लक्ष्यों और अपने भारत के संयुक्त उद्यम आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (एएम/एनएस इंडिया) का समर्थन करने के लिए इंडिया एक्सेलेरेटर कार्यक्रम शुरू किया है।
जेएसडब्ल्यू स्टील के संयुक्त प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी जयंत आचार्य ने कहा कि सही स्टार्टअप तंत्र की खोज करने और प्रौद्योगिकी विकास की तलाश के लिए समूह के भीतर एक कार्य योजना तैयार की गई है जिसमें स्टील और सीमेंट क्षेत्रों से कार्बन कम करने की क्षमता है। आचार्य ने कहा ‘हम ऐसे अवसरों की पहचान कर रहे हैं, जो हमारे लिए रणनीतिक रूप से उपयुक्त होंगे।’ ऊर्जा-संबंधी वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में स्टील क्षेत्र की लगभग सात प्रतिशत की हिस्सेदारी । इसलिए स्टार्टअप कंपनियों के साथ जुड़ाव का महत्वपूर्ण हिस्सा पर्यावरण से संबंधित है।
स्टार्टअप क्यों?
टाटा स्टील में उपाध्यक्ष (प्रौद्योगिकी और अनुसंधान एवं विकास) देवाशिष भट्टाचार्जी का कहना है कि एक निश्चित विकास स्तर के साथ न केवल नई प्रौद्योगिकियों को लाने की जरूरत है, बल्कि एक नई मानसिकता की भी जरूरत है, जो पारंपरिक कॉर्पोरेट मानसिकता की तुलना में तेज हो।
इनोवेंचर स्टार्टअप कंपनियों को टाटा स्टील की जरूरतों के साथ मिलाने का प्रयास करता है। इसकी तुलना किसी मैचमेकिंग साइट से करते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि यह टाटा स्टील मैट्रिमनी डॉट कॉम की तरह है। यहां यह ‘मैट्रिमनी’ स्टार्टअप और कंपनियों की जरूरतों के बीच है
और ‘मैचमेकिंग’ विशेष विषयों के संबंध में रहती है। बताया जाता है कि करीब 40 स्टार्टअप सक्रिय रूप से टाटा स्टील के विभिन्न क्षेत्रों – लौह निर्माण, ऊर्जा, कार्बन डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन उत्पादन के साथ-साथ नई सामग्री में अपने अवधारणा प्रयोगों का प्रमाण दे रहे हैं। टाटा स्टील के इनोवेंचर के पास 15,000 स्टार्टअप का समूह है। वर्तमान में 770 स्थानीय और वैश्विक स्टार्टअप के साथ सक्रिय रूप से चर्चा चल रही है।
शुरुआती स्टार्टअपों में एक स्टार्टअप ब्रिटेन का भी है। भट्टाचार्य ने कहा ‘हमने स्टील संयंत्र (जमशेदपुर) में भारत का पहला कार्बन कैप्चर संयंत्र स्थापित करने के लिए उनका उपयोग किया।’ उन्होंने कहा कि यह पिछले ढाई साल से चल रहा है और इसे बढ़ाने की प्रक्रिया में है।