लघु व मझोले उपक्रम (SME) के लिए सरकारी खरीद नीति काफी फायदेमंद साबित हो रही है। केंद्र सरकार के विभागों ने वर्ष 2022—23 के दौरान SME से रिकॉर्ड खरीद की है। सरकारी खरीद निर्धारित लक्ष्य से भी काफी ज्यादा हुई है। कोरोना काल के दौरान भी SME को सरकारी खरीद से काफी सहारा मिला था।
SME से वर्ष 2022—23 में 58,306 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड खरीद
MSME मंत्रालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022—23 में केंद्रीय मंत्रालय/ विभाग/ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम की कुल सरकारी खरीद 1,67,452 करोड़ रुपये रही। इसमें से 58,306 करोड़ रुपये की खरीद SME से की गई, जो अब तक की सबसे ज्यादा SME से सरकारी खरीद है। इस खरीद से 2,16,190 SME को फायदा हुआ। वर्ष 2021—22 के दौरान 53,454 करोड़ रुपये मूल्य का SME से सामान खरीदा गया था। वर्ष 2020—21 में SME से 40,717 करोड़ रुपये , 2019—20 में 39,050 करोड़ रुपये और 2018—19 में 40,399 करोड़ रुपये का माल सरकारी विभागों ने खरीदा था।
SME से सरकारी खरीद लक्ष्य से भी ज्यादा
सरकारी खरीद नीति को लागू करने के समय 2012 में केंद्रीय मंत्रालय/विभाग/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के लिए अपनी कुल खरीद का 20 फीसदी हिस्सा SME से खरीदना अनिवार्य किया गया था। हालांकि बाद इसे बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया गया। वर्ष 2022—23 में इन विभाग ने SME से अपनी कुल खरीद का 34.83 फीसदी हिस्सा खरीदा है, जबकि अनिवार्य लक्ष्य 25 फीसदी है। इस तरह SME से सरकारी खरीद लक्ष्य से करीब 40 फीसदी ज्यादा हुई है। विभागों ने 2021—22 में कुल खरीद का करीब 32.50 फीसदी, वर्ष 2020—21 में करीब 29.30 फीसदी, वर्ष 2019—20 में 29.70 फीसदी और 2018—19 में 26.30 फीसदी हिस्सा SME से खरीदा था।