सरकार आयात से जुड़े शुल्क घटाने के लिए लगातार कदम उठा रही है लेकिन उद्योग जगत वैश्विक प्रतिस्पर्धा से सुरक्षित रहने के लिए नियमित रूप से यह दबाव डाल रहा है कि शुल्कों में बढ़त की जाए। उद्योग विभाग के सचिव अमरदीप सिंह भाटिया ने बुधवार को यह जानकारी दी।
सिंह ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के कार्यक्रम में कहा, ‘घरेलू उद्योग का यह दबाव है कि यह (शुल्क) बढ़ाया जाना चाहिए। हमें इस पर ध्यान देने की जरूरत है। ऐसे अनुरोध क्यों आ रहे हैं? हम इतने प्रतिस्पर्धी क्यों नहीं हैं।’ सिंह के अनुसार सरकार ने शुल्क में कटौती करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसका परिणाम यह हुआ कि भारी भरकम शुल्क काफी हद तक कम कर दिया गया है और यह शुल्क विश्व के औसत स्तर के करीब है।
दरअसल, अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की भारत की शुल्क संबंधित टिप्पणी संबंधी के मद्देनजर सचिव का यह बयान आया है। ट्रंप ने कहा था कि भारत उच्च शुल्क वाला देश है। उन्होंने भारत को ‘टैरिफ किंग’ करार दिया था।
भारत इसके अलावा ब्रिटेन (यूके) और कारोबारी ब्लॉक जैसे यूरोपियन यूनियन से मुक्त व्यापार समझौते की कोशिशें कर रहा है। इस दौरान भारत पर शुल्क घटाने और ज्यादा बाजार पहुंच देने का अत्यधिक दबाव है। बीते 10 वर्षों में कारोबारी सुगमता की दिशा में महत्त्वपूर्ण प्रगति हासिल हुई है। केंद्र और राज्य सरकारों के समन्वय से बने कारोबार सुधार कार्ययोजना (बीआरएपी) के तहत केंद्र और राज्य के स्तर पर एकल खिड़की प्रणाली की स्थापना की गई है।
सिंह ने कहा, ‘इस सिलसिले में काफी सुधार किया जा सकता है। हमने अपने अध्ययन में पाया है कि राज्यों में बहुत भिन्नता है। हमें मालूम है कि क्या किए जाने की जरूरत है। लेकिन इसे कैसे किया जाना चाहिए, इसकी व्याख्या और कार्यान्वयन क्षेत्रीय स्तर पर अलग-अलग तरीके से किया जा रहा है।’
इस मामले पर उ्दयोग जगत से सलाह ली जा रही है। उन्होंने कहा कि देश में 4,000 से अधिक औद्योगिक पार्क उपलब्ध हैं। लिहाजा यह जरूरी है कि इनका समुचित ढंग से इस्तेमाल किया जाए और बिना इस्तेमाल की गई भूमि को वापस लिया जाए।