देश की प्रमुख कार विनिर्माता कंपनियां वित्त वर्ष 2026 में घरेलू बाजार में यात्री वाहन की बिक्री में 1 से 2 फीसदी की सुस्त वृद्धि की आशंका जता रही हैं। कंपनियों को लगता है कि कमजोर मांग, प्रवेश स्तर की कारों की बिक्री में गिरावट, मुद्रास्फीति, रुपये में नरमी और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के कारण बिक्री नरम रहेगी।
वाहन विनिर्माताओं के संगठन सायम ने आज आंतरिक बैठक की थी जिसमें यह सहमति बनी कि चालू वित्त वर्ष में यात्री कारों की बिक्री महज 0.07 फीसदी बढ़ने का अनुमान है और अगले वित्त वर्ष में बिक्री 1 से 2 फीसदी बढ़ने के आसार हैं। वित्त वर्ष 2024 में घरेलू बाजार में 38.9 लाख कारें बिकी थीं।
इसके उलट दोपहिया विनिर्माताओं को बिक्री बढ़ने की उम्मीद है। सायम के अनुमान के मुताबिक वित्त वर्ष 2025 में दोपहिया की बिक्री 8 से 10 फीसदी बढ़ सकती है। ग्रामीण बाजारों में मांग बढ़ने, कर में राहत और सरकार की अन्य योजनाओं से आगे भी बिक्री में तेजी आने की उम्मीद है।
मारुति सुजूकी के मार्केटिंग एवं सेल्स के प्रमुख पार्थ बनर्जी ने बैठक में कहा कि वित्त वर्ष 2026 में यात्री वाहनों की बिक्री 1 से 1.5 फीसदी बढ़ने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि बीते कुछ वर्षों में कारों के दाम करीब 70 फीसदी बढ़ गए हैं। नियामकीय जरूरतों के कारण वाहनों की लागत बढ़ी है जबकि ग्राहकों की कमाई उस अनुपात में नहीं बढ़ी है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के प्रस्तावित शुल्क से चुनौती और बढ़ेगी।
बनर्जी ने कहा कि पहली बार कार खरीदारों की हिस्सेदारी 2018-19 में 47 फीसदी थी जो अब घटकर 40 फीसदी रह गई है। वाहनों के दाम बढ़ने से सबसे ज्यादा असर पहली बार कार खरीदने वाले ग्राहक वर्ग पर पड़ा है। ह्युंडै मोटर इंडिया में राष्ट्रीय बिक्री प्रमुख तपन घोष ने कहा कि टाली गई मांग के आने से 2023 की पहली छमाही तक ही बिक्री को सहारा मिला। उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष में कारों की बिक्री 1 से 1.5 फीसदी बढ़ सकती है और 2030 तक सालाना 4 फीसदी चक्रवृद्धि दर से बिक्री बढ़ने की उम्मीद है।
किया इंडिया के राष्ट्रीय बिक्री एवं मार्केटिंग प्रमुख हरदीप बराड़ ने कहा कि अगले वित्त वर्ष कारों की बिक्री 2 से 3 फीसदी बढ़ने का अनुमान है।
सायम बैठक के दौरान टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के मुख्य कमर्शियल अधिकारी विवेक श्रीवास्तव ने कहा वित्त वर्ष 2026 में यात्री वाहनों की बिक्री 2 से 4 फीसदी बढ़ने का अनुमान है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ईवी पारिस्थितिकी तंत्र, खास तौर पर चार्जिंग बुनियादी ढांचे के विकास पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भविष्य में इलेक्ट्रिक, हाइब्रिड, पेट्रोल आदि सभी ईंधन वाले वाहन बने रहेंगे। उन्होंने बताया कि ईवी बैटरी प्रौद्योगिकी की लागत कम होती जा रही है और प्रति किलोवाट दाम भी धीरे-धीरे घट रहे हैं। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2026 में यात्री वाहन उद्योग की वृद्धि दर 1 से 2 फीसदी रहने का अनुमान है।