देश के प्रमुख हवाईअड्डों पर केंद्र सरकार पुख्ता इंतजाम कर रही है ताकि यात्रियों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को बताया कि सरकार ने देश के हवाईअड्डों पर भीड़-भाड़ से बचने के लिए सीआईएसएफ जवानों की संख्या बढ़ाई है और इसके अलावा आव्रजन काउंटर भी बढ़ाए गए। साथ ही इन हवाईअड्डों पर यात्रियों के आने वाले प्रवेश द्वार की संख्या भी बढ़ाई गई है।
पिछले साल दिसंबर में दिल्ली, मुंबई, बेंगलूरु सहित सभी बड़े हवाईअड्डों पर यात्रियों की लंबी कतारें लग गई थीं। इसके बाद मंत्री को इस मुद्दे को हल करने के लिए इन हवाईअड्डों के संचालकों की बैठक बुलानी पड़ी थी।
शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन के दौरान सिंधिया ने बताया कि देश के 16 बड़े हवाईअड्डों पर सीआईएसएफ जवानों की संख्या इस साल दिसंबर में पिछले साल से 21 फीसदी बढ़ाकर 24,733 कर दी गई है। इन 16 हवाईअड्डों में दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, कोच्चि, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलूरु, गुवाहाटी, हैदराबाद और पटना शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन हवाईअड्डों से कहा गया है कि वे पहले यात्री और अन्य सहायता सेवाओं के लिए पर्याप्त जगह दें और उसके बाद ही व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और वाणिज्यिक लाउंज को स्थान दें।
यह पूछे जाने पर कि क्या हवाईअड्डों पर कारोबारी गतिविधियां कम करने में खुदरा दुकानदारों या हवाईअड्डा संचालकों ने विरोध जताया। इस पर सिंधिया ने कहा, ‘हमारी जिम्मेदारी देश के नागरिक हैं इसलिए हमें जो करना था हमने किया। उसे निभाना मेरा कर्तव्य है। हवाईअड्डे मुख्य रूप से यात्रियों के लिए हैं और हमने (मंत्रालय, नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) आदि) हवाईअड्डों को यह बता दिया है।’
मंत्री ने यह भी कहा कि अगर आप 5 जून से लेकर 14 दिसंबर तक हवाई किराया देखें तो इसमें 20 से 80 फीसदी की गिरावट आई है। कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां मांग सही में बहुत ज्यादा है।
उन्होंने कहा, ‘उदाहरण के लिए देश के सबसे व्यस्त दिल्ली-मुंबई मार्ग को लें, ऐसे मार्गों पर किराया 20 से 25 फीसदी बढ़ा है। अगर हम किराये में कोई बड़ी वृद्धि देखते हैं तो टीएमयू विमानन कंपनी को सूचित करती है और खुद किराये को नियंत्रित भी करती है। फिलहाल, घट-बढ़ को ध्यान में रखते हुए किराया नियंत्रित है।’ हालांकि उन्होंने यह माना कि भारतीय विमानन क्षेत्र किराये को लेकर अनियंत्रित क्षेत्र है।
डीजीसीए के तहत काम करने वाली शुल्क निगरानी इकाई (टीएमयू) चार श्रेणियों में 60 मार्गों पर किराये की निगरानी करती है। इनमें यात्रा से 31 दिन पहले खरीदे गए टिकट, 14 दिन पहले खरीदे गए टिकट, सात दिन और तत्काल किराया शामिल है। उन्होंने कहा कि भारत में साल 2030 तक हर साल करीब 20 करोड़ घरेलू यात्री हवाई यात्रा करेंगे। साल 2019-20 में भारत में सालाना 14.12 करोड़ यात्रियों ने हवाई यात्रा की।
सिंधिया ने कहा कि भारत में करीब 70 फीसदी खड़े विमान प्रैट ऐंड व्हिटनी (पीडब्ल्यू) के इंजन वाले हैं और इसने भारतीय विमानन उद्योग को प्रभावित किया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इस बीच भारत में सक्रिय विमानों की संख्या भी 622 से बढ़कर 644 हो गई है।
नागरिक विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) के महानिदेशक जुल्फिकार हसन ने कहा कि कुछ प्रावधान संबंधी मुद्दों के कारण, कुछ हवाई अड्डों पर ‘फुल-बॉडी स्कैनर’ और ‘सीटीएक्स स्कैनर’ स्थापित करने की समय सीमा बढ़ाई जा रही है। दोनों उपकरणों को 31 दिसंबर तक स्थापित किया जाना था। हसन ने कहा कि कुछ प्रावधान संबंधी मुद्दे हैं।
बीसीएएस स्कैनर की स्थापना पर हवाई अड्डा संचालकों के साथ चर्चा कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘हमें फुल बॉडी स्कैनर और एक्स-रे मशीन के मई तक स्थापित किए जाने की उम्मीद है।’ हसन ने कहा कि दोनों के अगले साल मई तक दिल्ली हवाई अड्डे पर स्थापित होने की उम्मीद है।