भारी उद्योग मंत्रालय (MHI) ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत एडवांस केमिस्ट्री सेल (ACC) बैटरी भंडारण के लिए 20 गीगावॉट घंटे (GWH) क्षमता में से 10 गीगावॉट घंटे की फिर से बोली आमंत्रित करने की घोषणा की है।
इस क्षमता के लिए ठेका नहीं दिया जा सका, क्योंकि सशर्त पात्र अभ्यर्थियों में से एक ह्युंडै ग्लोबल मोटर्स बोली की प्रक्रिया से बाहर हो गई। हाल के दौर में बैटरी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता स्थापित करने के लिए 3,620 करोड़ रुपये बजट आवंटन किया गया है। मौजूदा बोली प्रक्रिया में संभावित आवेदक एसीसी के घरेलू मैन्युफैक्चरिंग संयंत्र स्थापित करने लिए बोली दाखिल कर सकते हैं।
मंत्रालय ने कहा है कि इससे उन्हें पीएलआईएसीसी योजना के तहत प्रोत्साहन की पात्रता मिल सकेगी। एमएचआई ने कहा, ‘सीपीपी के पोर्टल पर गुणवत्ता एवं लागत पर आधारित चयन (QCBS) व्यवस्था के तहत दो चरणों की पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से बोली की प्रक्रिया का आयोजन किया जाएगा।’
इसके अलावा नवीकरणीय ऊर्जा भंडारण और बिजली प्रबंधन जैसे स्टेशनरी बैटरी ऐप्लीकेशंस के लिए अन्य 10 जीडब्ल्यूएच के लिए अलग से बोली का आयोजन किया जाएगा। बोली के पहले की बैठक 12 फरवरी को होगी। 22 अप्रैल तक बोली लगाई जा सकेगी और इसे 23 अप्रैल को खोला जाएगा।
नए सिरे से बोली लगाए जाने के बारे में केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि मंत्रालय ऑटोमोबाइल और ऑटोमोबाइल कंपोनेंट सेक्टर में भारत की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता बढ़ाने और निर्यात को समर्थन दे रहा है। उन्होंने कहा कि एमएचआई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत की दिशा में काम करने को तत्पर है।
पांडेय ने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए हाल के वर्षों में भारी उद्योग मंत्रालय ने कई पहल की हैं, जिससे वाहन उद्योग क्षेत्र में पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों को प्रोत्साहन मिल सके। ऐसी योजनाओं में पीएलआई-ऑटो, पीएलआई-एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल और फेम-2 योजनाएं शामिल हैं।