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भारत की ग्रोथ के लिए श्रम आधारित विनिर्माण ही एकमात्र विकल्प: रिपोर्ट

रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस सहित तेजी से बदलती तकनीक के कारण श्रम बाजार में अनिश्चितता बढ़ी है।

Last Updated- March 26, 2024 | 11:06 PM IST
ILO

भारत के सामने कम से कम अगले एक दशक में श्रम आधारित विनिर्माण पर केंद्रित वृद्धि के अलावा कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि हर साल श्रम बल में 70 से 80 लाख युवा शामिल हो रहे हैं। मंगलवार को जारी ताजा इंडिया इंप्लाइमेंट रिपोर्ट 2024 में यह कहा गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस सहित तेजी से बदलती तकनीक के कारण श्रम बाजार में अनिश्चितता बढ़ी है।

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) और इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट (आईएचडी) द्वारा आधिकारिक आंकड़ों के इस्तेमाल से तैयार की गई रिपोर्ट में कहा गया है, ‘तेजी से हो रही तकनीकी उन्नति, खासकर आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, श्रम बाजार में व्यवधान की वजह बनने जा रहा है, जिससे सकारात्मक व नकारात्मक दोनों असर होंगे।

स्थिति ठीक होने के बावजूद भारत को अभी नई तकनीक से आने वाली चुनौतियों के लिए ज्यादा तैयार रहने की जरूरत है।’रिपोर्ट में कहा गया है कि अकुशल श्रमिकों को काम देने के लिए श्रम आधारित विनिर्माण को प्राथमिकता देने की जरूरत है।

साथ ही आधुनिक विनिर्माण व सेवा क्षेत्र भी रोजगार सृजन का उभरता क्षेत्र बन रहा है, जिसके साथ सूक्ष्म, लघु एवं मझोले आकार के उद्यमों को ज्यादा समर्थन मुहैया कराने और विकेंद्रीकरण का तरीका अपनाने की जरूरत है।

इसमें ग्रीन और ब्लू इकनॉमिक्स में निवेश और ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास पर बल दिया गया है। रिपोर्ट में ग्रामीण इलाकों में कृषि व गैर कृषि क्षेत्रों में रोजगार बहाल करने के लिए एकीकृत बाजार स्थापित करने पर बल दिया गया है।

First Published - March 26, 2024 | 11:06 PM IST

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