उद्योग

2025 में सौर ऊर्जा क्षेत्र में सौदों की रफ्तार बढ़ने की उम्मीद: उद्योग विशेषज्ञ

20 गीगावॉट (जीडब्ल्यू) से अधिक ग्रीन परिसंपत्तियों के लिए खरीदारों की तलाश की जा रही है।

Published by
अमृता पिल्लई   
Last Updated- December 18, 2024 | 10:32 PM IST

बिक्री के लिए सौर परिसंपत्तियां बढ़ रही हैं। ऐसे में आने वाले महीनों में और सौदे होने की उम्मीद है। रणनीतिक कंपनियां बाजार को मजबूत कर रही हैं। उद्योग के अधिकारियों और जानकारों ने ये बातें कहीं। उन्होंने बताया कि 20 गीगावॉट (जीडब्ल्यू) से अधिक ग्रीन परिसंपत्तियों के लिए खरीदारों की तलाश की जा रही है।

उद्योग के विश्लेषकों ने कहा कि आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) बाजार में आई हालिया उछाल ने भी ऐसी सौर परिसंपत्तियों के लिए खरीदारों की दिलचस्पी बढ़ाने में मदद की है। खेतान ऐंड कंपनी में पार्टनर (ऊर्जा, बुनियादी ढांचा और संसाधन) गहन सिंह ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि रफ्तार बढ़ेगी और अगले तीन से चार महीनों में बड़े सौदे पूरे हो सकते हैं।’

उन्होंने कहा, ‘सौदों की गति धीमी होने का मुख्य कारण इन परिसंपत्तियों की प्रकृति में बदलाव है। यह कोई एक परिसंपत्ति नहीं है बल्कि पूरा सौदा है, जहां सौदों पर चर्चा जारी रहती है और इसमें समय लगता है।’ अक्टूबर में बिज़नेस स्टैंडर्ड ने बताया था कि भारत में करीब 10 अग्रणी नवीकरणीय ऊर्जा कंपनियां सक्रिय रूप से अपनी परिचालन और निर्माणाधीन क्षमता के 20 गीगावॉट के लिए खरीदारों की तलाश कर रही हैं।

अल्वारेज ऐंड मार्शल के प्रबंध निदेशक संतोष कामत ने कहा, ‘हम नवीकरणीय प्लेटफॉर्मों के सौदों में गतिविधियां देख रहे हैं, जिन्हें पहले पूरा होने में वक्त लग रहा था।’ उन्होंने कहा कि इसमें योगदान देने वाला बड़ा कारण आईपीओ बाजार में उछाल है। इससे निवेशकों को उम्मीद है कि वे अभी खरीदी गई परिसंपत्तियों का भविष्य में मूल्य पता लगाने में सक्षम होंगे। गौतम अदाणी की अदाणी ग्रीन एनर्जी, सज्जन जिंदल की जेएसडब्ल्यू एनर्जी जैसे समूहों के बीच रणनीतिक निवेशक के तौर पर इस क्षेत्र में एकीकरण का नेतृत्व करने की संभावना है।

रेटिंग एजेंसी केयरएज के निदेशक और इन्फ्रास्ट्रक्चर रेटिंग्स के प्रमुख जतिन आर्य ने कहा, ‘भारतीय नवीकरणीय परिसंपत्तियों में अंतरराष्ट्रीय निवेशकों की दिलचस्पी सहित अन्य निवेशकों की रुचि जारी रहने की संभावना है। इस क्षेत्र में परिसंपत्तियों में खरीद-बेच होने की संबावना है। आगे चलकर हम काफी एकीकरण देख सकते हैं। अदाणी, जेएसडब्ल्यू और जैसी बड़ी कंपनियां कई गुना तक बढ़ सकती है।’

First Published : December 18, 2024 | 10:32 PM IST