उद्योग

अभी 252 GW, लेकिन 2047 तक 7 गुना ज्यादा क्लीन एनर्जी बनाएगा भारत

अभी है 252 GW, 2030 तक 500 GW और 2047 तक 1,800 GW बनाने का प्लान; सौर और पवन ऊर्जा से मिल रही रफ्तार

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सुधीर पाल सिंह   
Last Updated- September 17, 2025 | 9:30 AM IST

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आज कहा कि भारत ने गैर जीवाश्म ईंधन स्रोतों पर आधारित बिजली उत्पादन क्षमता 2047 तक बढ़ाकर 1,800 गीगावॉट करने का लक्ष्य बनाया है, जो अभी 252 गीगावॉट है।

फाइनैंशियल टाइम्स एनर्जी ट्रांजिशन समिट में जोशी ने कहा, ‘हमारा अगला लक्ष्य 2030 तक गैर जीवाश्म ईंधन पर आधारित बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 500 गीगावॉट और 2047 तक 1,800 गीगावॉट करना है, जब भारत विकसित देश बन जाएगा।’

उन्होंने कहा कि भारत की अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में वृद्धि असाधारण है और पिछले एक दशक के दौरान सौर, पवन और ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं के विस्तार के साथ भारत इस दिशा में वैश्विक ताकत बन गया है। जोशी ने कहा, ‘हमारी सौर बिजली उत्पादन क्षमता 2014 के 2.82 गीगावॉट से बढ़कर आज 124 गीगावॉट हो गई है। वहीं पवन ऊर्जा क्षमता इस दौरान 21 गीगावॉट से बढ़कर आज 53 गीगावॉट हो गई है। चालू वित्त वर्ष के 5 महीने में अब तक देश में 23 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ी गई है।’

मंत्री ने बताया कि पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत 20 लाख से ज्यादा सौर उत्पदन संयंत्र लगाए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि इस साल की नीतिगत पहलों के साथ हम 30 लाख संयंत्र और लगाने जा रहे हैं। इस तरह से डेढ़ साल में हम 1 करोड़ रूफटॉप सोलर इंस्टालेशन का लक्ष्य हासिल करने जा रहे हैं।’

जोशी ने कहा कि देश की कुल सौर मॉड्यूल विनिर्माण क्षमता अब बढ़कर 100 गीगावॉट पहुंच गई है, जो मार्च 2024 और मार्च 2025 के बीच में दोगुना हुई है। उन्होंने कहा कि इस दौरान सोलर फोटोवोल्टेइक सेल विनिर्माण क्षमता 9 गीगावॉट से तीन गुना बढ़कर 27 गीगावॉट हो गई है।

First Published : September 17, 2025 | 9:30 AM IST