इस साल दीवाली के आसपास हवाई सफर करना महंगा साबित हो सकता है। दीवाली वाले हफ्ते (30 अक्टूबर से 5 नवंबर) के लिए देश के भीतर प्रमुख हवाई मार्गों पर किराये पिछले साल के मुकाबले 25 फीसदी बढ़ चुके हैं। मांग भरपूर होने, उड़ानों की संख्या मामूली बढ़ने और किराया तय करने का नया तरीका अपनाए जाने से हवाई टिकट की कीमतें बहुत बढ़ गई हैं।
यात्रा वेबसाइट इग्जिगो के आंकड़ों के अनुसार इस साल दीवाली वाले हफ्ते में मुंबई-हैदराबाद मार्ग पर एक तरफ का औसत किराया 5,162 रुपये है जो पिछले साल दीवाली (10 से 16 नवंबर, 2023) के मुकाबले 20.9 फीसदी अधिक है। यह किराया 90 दिन पहले बुक कराए गए टिकटों का है। इस मार्ग पर उड़ानें कम होने से भी परेशानी बढ़ी है। पिछले साल दीवाली वाले हफ्ते में मुंबई-हैदराबाद मार्ग पर करीब 266 बार उड़ान भरी गई थी। मगर इस साल विमानन कंपनियां 3 फीसदी कम उड़ान चला रही हैं।
एक विमानन कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘ए320नियो श्रेणी के विमानों में प्रैट ऐंड व्हिटनी इंजन की दिक्कत के कारण इंडिगो के 390 में से 70 विमान उड़ान नहीं भर रहे हैं। पिछले साल नवंबर में इस विमानन कंपनी ने मुंबई-हैदराबाद मार्ग पर हर हफ्ते करीब 152 उड़ानें रखी थीं मगर इस साल करीब 140 उड़ानों की ही योजना है। ऐसे में किराया बढ़ना स्वाभाविक है।’
अकासा एयर इस साल नवंबर में इस मार्ग पर कोई उड़ान नहीं भरेगी। पिछली दीवाली वाले हफ्ते में उसने मुंबई-हैदराबाद मार्ग पर 14 उड़ानों का संचालन किया था। नियामकीय चुनौतियों के कारण बोइंग ने फरवरी के बाद उसे कोई नया विमान नहीं दिया है।
मुंबई-जयपुर मार्ग पर इस साल नवंबर के लिए निर्धारित साप्ताहिक उड़ानों की संख्या 154 है, जो पिछले साल नवंबर के मुकाबले 6.7 फीसदी कम है। ऐसे में इस साल दीवाली वाले हफ्ते के लिए इस मार्ग पर औसत हवाई किराया 16.1 फीसदी बढ़कर 6,458 रुपये हो चुका है।
इग्जिगो के अनुसार इस साल दीवाली वाले हफ्ते के लिए दिल्ली-चेन्नई मार्ग पर एक तरफ का औसत किराया 7,618 रुपये है जो पिछली दीवाली के मुकाबले 25.3 फीसदी अधिक है। पिछली दीवाली वाले हफ्ते में इस मार्ग पर उड़ानों की संख्या करीब 262 थी।
एक अन्य विमानन कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस साल विमानन कंपनियां अपनी सेवाओं में महज 3 फीसदी इजाफा करने जा रही हैं। उन्होंने टिकट की कीमत तय करने का तरीका बदलने की बात भी कही।
अधिकारी ने बताया, ‘पहले डायनमिक प्राइसिंग प्रणाली में यह सोचा जाता था कि पहले बुकिंग कराने पर टिकट सस्ता पड़ जाएगा। मगर अब ऐसा नहीं है। उड़ानों की संख्या में मामूली इजाफे की वजह से विमानन कंपनियां जानती हैं कि दीवाली जैसे व्यस्त सीजन में मांग बहुत अधिक होगी। इसलिए 90 दिन पहले खरीदे गए टिकटों की कीमतें भी काफी अधिक रहती हैं।’
मगर उन्होंने कहा कि इसमें जोखिम भी है। अगर यात्री कीमत ज्यादा होने की वजह से टिकट नहीं खरीदते और ट्रेन जैसे सस्ते विकल्प चुन लेते हैं तो उड़ान की तारीख नजदीक आने तक भी बड़ी तादाद में टिकट बिना बिके ही बच जाएंगे। उस सूरत में सीटें भरने के लिए उन्हें टिकट सस्ते करने पड़ सकते हैं या उसके बाद भी सीटें खाली ही रह जाएं।
नागर विमानन मंत्री के राममोहन नायडू ने पिछले शुक्रवार को लोक सभा में हवाई किराये में तेजी पर चिंता जताई थी।