केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश के भीतर इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट डिस्प्ले और कैमरा मॉड्यूल, नॉन-सरफेस माउंट डिवाइस, मल्टी-लेयर पीसीबी, डिजिटल ऐप्लिकेशन के लिए लीथियम-आयन सेल आदि के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 22,919 करोड़ रुपये की योजना को आज मंजूरी दी। उम्मीद है कि इस योजना से 59,350 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 4.56 लाख करोड़ रुपये का उत्पादन होगा।
सरकार इस योजना के तहत बैटरी पैक, मोबाइल फोन, लैपटॉप, टैबलेट और अन्य उपकरणों में उपयोग होने वाले आवश्यक घटकों जैसे रेसिस्टर, कैपेसिटर, इंडक्टर, ट्रांसफॉर्मर, फ्यूज, थर्मिस्टर और पोटेंशियोमीटर के देश में विनिर्माण के लिए भी प्रोत्साहन प्रदान करेगी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी देते हुए इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस योजना से 91,600 लोगों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे और लगभग 59,350 करोड़ रुपये का निवेश आने का अनुमान है।
वैष्णव ने कहा, ‘हम भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत सेमीकंडक्टर विनिर्माण को बढ़ावा दे रहे हैं और पीएलआई (उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन) योजना के जरिये तैयार उत्पादों के विनिर्माण को सहायता दे रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि सिर्फ उत्पादन में वृद्धि के आधार पर कंपनियों को प्रोत्साहन देने के बजाय सरकार नई योजना के तहत प्रोत्साहन वितरित करने के लिए त्रिआयामी नजरिया अपनाएगी।
इस योजना के तहत आवेदकों को कंपनियों द्वारा किए गए पूंजीगत खर्च के लिए सहायता के अलावा उनके द्वारा सृजित प्रत्यक्ष नौकरियों की संख्या के आधार पर प्रोत्साहन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि तीसरा तरीका कंपनियों के सालाना कारोबार के आधार पर प्रोत्साहन देना है।
वैष्णव ने कहा, ‘इलेक्ट्रॉनिक्स पहले से ही भारत से निर्यात की जाने वाली शीर्ष तीन वस्तुओं में है। इस कार्यक्रम के साथ निर्यात 2.5 लाख करोड़ रुपये और बढ़ेगा तथा आने वाले वर्षों में इसके दोगुना होने की संभावना है।’ उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष रोजगार की संख्या पर प्रोत्साहन के असर का का पता लगाने के लिए सरकार आवेदकों से यह पूछेगी कि वे अपनी विनिर्माण इकाइयों में कितने लोगों को रोजगार देने वाले हैं तथा उस संख्या के आधार पर उनका मूल्यांकन करेगी।
वैष्णव ने कहा कि प्रोत्साहनों के अलावा सरकार इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के लिए सीमा शुल्क और श्रम संबंधी सुधारों पर भी काम कर रही है। उन्होंने कहा कि ये सुधार केंद्रीय बजट 2025-26 में सरकार द्वारा घोषित कर संबंधी सुधारों से इतर होंगे।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक सामान का घरेलू उत्पादन वित्त वर्ष 2015 में 1.90 लाख करोड़ रुपये था जो वित्त वर्ष 2024 में सालाना 17 फीसदी चक्रवृद्धि के साथ 9.52 लाख करोड़ रुपये हो गया।
इसी तरह इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों का निर्यात वित्त वर्ष 2024 में सालाना 20 फीसदी चक्रवृद्धि के साथ 2.41 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। सरकार को उम्मीद है कि इलेक्ट्रॉनिक्स कलपुर्जों के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए योजना शुरू करने से सेमीकंडक्टर विनिर्माण, सेमीकंडक्टर कलपुर्जा विनिर्माण और तैयार उत्पादों जैसे मोबाइल फोन, लैपटॉप, हार्डवेयर और अन्य सूचना प्रौद्योगिकी उत्पादों की त्रिवेणी पूरी हो जाएगी।