देश की सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन इंडिगो की मालिक इंटरग्लोब एविएशन पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के जरिये 4,000 करोड़ रुपये जुटाएगी। यह कोष उगाही ऐसे समय में की जा रही है जब कोविड-19 महामारी और यात्रा पर प्रतिबंध बरकरार है। इसकी वजह से विमानन क्षेत्र में परिचालन सीमित हो गया है और राजस्व वद्घि का परिदृश्य कमजोर बना हुआ है।
एयरलाइन में उसके संस्थापक सह-प्रवर्तक राहुल भाटिया और राकेश गंगवाल की 74.86 प्रतिशत हिस्सेदारी है। आज के 952.90 रुपये के बंद भाव के हिसा से एयरलाइन का बाजार पूंजीकरण 36,667 करोड़ रुपये है।
इंटरग्लोब एविएशनके बोर्ड ने आज कोष उगाही को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी।
एयरलाइन ने वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में 2,842.6 करोड़ रुपये कर कर-पूर्व नुकसान दर्ज किया, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में उसने 1509.4 करोड़ रुपये का कर-पूर्व लाभ दर्ज किया था। उड़ानें करीब दो महीने तक बंद रहने से परिचालन से राजस्व सालाना आधार पर 91 प्रतिशत घट गया।
हालांकि मई के मध्य से परिचालन पुन: शुरू हो गया है, लेकिन उद्योग-वार क्षमता और सीट क्षमता पिछले साल के सामान्य स्तर से नीचे बनी हुई है। इंडिगो के बेड़े में 250 से ज्यादा विमान हैं और पिछले महीने एयरलाइन ने हवाई यातायात पुन: शुरू होने में संभावित विलंब को ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों की संख्या में करीब 10 प्रतिशत तक की कमी करने का निर्णय लिया था। एयरलाइन की नकदी बैलेंस मजबूत है। जून के अंत तक उसके पास करीब 7500 करोड़ रुपये की नकदी थी, जो पिछले साल जून के मुकाबले 2.2 प्रतिशत कम है।
हालांकि फिलहाल किसी तरह का नकदी संकट नहीं है, लेकिन कोष उगाही से कंपनी को अपनी बैलेंस शीट मजबूत बनाने और भविष्य के लिए तैयारी करने में मदद मिलेगी।
कंपनी ने पहले कहा था कि वह वित्त वर्ष 2020 के लिए अपने शेयरधारकों को किसी तरह का लाभांश नहीं चुकाएगी।
