इंटरग्लोब एविएशन (इंडिगो) का शेयर बीएसई पर सोमवार के कारोबार में 2.76 प्रतिशत गिरकर 2,080 रुपये पर आ गया था, क्योंकि तेल कीमतों में तेजी और विमानन उद्योग में अधिक आपूर्ति की स्थिति से बाजार की चिंता बढ़ी है।
ब्रेंट क्रूड मौजूदा समय में 79 डॉलर पर कारोबार कर रहा है, जो एक सप्ताह में 6 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी है। पिछले कुछ सप्ताहों के दौरान शेयर में तेजी की वजह से भी निवेशक धारणा प्रभावित हुई है।
पिछले 6 महीनों के दौरान, इंडिगो का शेयर बीएसई पर 31 प्रतिशत चढ़ा है, जबकि सेंसेक्स में 20 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई। मार्च 2020 के 800 रुपये के निचले स्तर से यह शेयर करीब 170 प्रतिशत चढ़ा है, जबकि समान अवधि में सेंसेक्स में 134 प्रतिशत की तेजी आई है। दूसरी तरफ, स्पाइसजेट के शेयर में इस अवधि के दौरान 138 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज में शोध विश्लेषकों अंशुमान देब और रविन कुरवा के अनुसार, कच्चे तेल में तेजी और कोई बड़ी ढांचागत क्षमता कटौती नहीं होने से इंडिगो के लिए राजस्व-लागत अंतर (राजस्व और प्रति उपलब्ध सीट किलोमीटर लागत के बीच) वित्त वर्ष 2023 में 0.34 रुपये पर सीमित रह सकता है। अपनी 27 सितंबर की रिपोर्ट में इन विश्लेषकों ने कहा है, ‘इसके अलावा, नई कंपनियों के प्रवेश (जेट एयरवेज की वापसी और आकासा-प्रख्यात निवेशक राकेश झुनझुनवाला के विमानन उद्यम की शुरुआत), अंतरराष्ट्रीय यात्रा के सुधार में विलंब, ऊंचे प्रतिफल वाली कॉरपोरेट यात्रा के लंबे अभाव, और कमजोर नकदी बैलेंस से मल्टीपल्स में वृद्घि का कोई उचित कारण नहीं दिख रहा है।’
ब्रोकरेज फर्म ने इस शेयर के लिए 1,650 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ अपनी रेटिंग ‘जोड़ें’ से घटाकर ‘सेल’ कर दी है। यह कीमत स्तर मौजूदा स्तरों से करीब 23 प्रतिशत की गिरावट है।